हाई कोर्ट ने फांसी की सजा को 25 साल कारावास में बदला, बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या का मामला

Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में फांसी की सजा को 25 साल की कारावास में बदल दिया है।

जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने डब्लू मोदी की फांसी की सजा के खिलाफ अपील दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।

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धनबाद के पोक्सो कोर्ट ने डबलू मोदी को मामले का दोषी पाचे हुए फांसी की सजा सुनायी थी। दोशी पर 12 हजार का जुर्माना भी लगाया था।

धनबाद कोर्ट ने फांसी सजा सुनाई थी

डब्लू मोदी के खिलाफ पुटकी थाना में 29 अप्रैल 2018 को बच्ची की मां ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसमें कहा गया था कि 28 अप्रैल 2018 की रात नौ बजे उसके गांव का ही डबलू मोदी उसके घर पर आया और उसकी पांच वर्षीय पुत्री को यह कह कर घर से ले गया।

कहा कि पड़ोस में विवाह के घर में भोज खिला कर वापस ले आता हूं। परंतु उस रात वह उसकी पुत्री को लेकर वापस नहीं लौटा।

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वह अपने परिजनों के साथ अपनी नाबालिग पुत्री को ढूंढने लगी। परंतु वह कहीं नहीं मिली। वहीं आरोपी डब्लू मोदी के घर पर भी जाकर पूछताछ की परंतु घरवालों द्वारा भी कोई जानकारी नहीं दी गई ।

बच्ची की मां ने विवाह स्थान पर जाकर पूछताछ की। लोगों ने बताया गया कि डब्लू मोदी एक बच्ची को लेकर जरूडीह जंगल की ओर ले गया है। दूसरे दिन जंगल में उसकी पुत्री का चप्पल एवं फ्रॉक बरामद किया गया था।

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इस मामले में धनबाद कोर्ट ने फरवरी 2022 को डब्लू मोदी को बच्ची के दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।

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