राज्य में आदिवासियों के धर्मांतरण पर रोक की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में राज्य एवं केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि झारखंड के किन-किन जिलों में आदिवासियों का धर्मांतरण हो रहा है और कितनों ने मतांतरण किया है? सरकार इसे रोकने के लिए क्या-क्या कार्रवाई कर रही है? अदालत ने इस संबंध में दोनों को विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को निर्धारित की गई है। इस संबंध में सोमा उरांव की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि झारखंड में आदिवासियों का मतांतरण हो रहा है। मतांतरण की जांच के लिए लिए सरकार को एक कमेटी का गठन करना चाहिए। चंगाई सभा के माध्यम से आदिवासियों को लालच देकर मतांतरण कराया जा रहा है। इसपर रोक लगाने की जरूरत है। इस पर अदालत ने केंद्र एवं राज्य सरकार से जवाब मांगा है।