high court news

शिक्षक नियुक्ति में CTET पास अभ्यर्थियों को मौका देने के मामले में बहस पूरी, HC का फैसला सुरक्षित

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सीटेट पास अभ्यर्थियों को जेटेट की तरह मान्यता देते हुए राज्य की शिक्षक नियुक्ति में शामिल होने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई।

सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा है कि शिक्षक नियुक्ति में जेटेट अभ्यर्थियों की तरफ ही सीटेट पास या अन्य राज्यों से टेट पास अभ्यर्थी को मौका देने पर सरकार का क्या पक्ष है।

इसे भी पढ़ेंः चारा घोटाला मामले लालू प्रसाद की जमानत रद करने पर सुप्रीम कोर्ट में 25 अगस्त को सुनवाई

जिसपर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आने वाले समय में जेटेट की परीक्षा कराई जाएगी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से विरोध जताया गया और कहा गया कि जेटेट की परीक्षा एक क्वालीफाई परीक्षा होती है।

राज्य सरकार के पास जेटेट की परीक्षा नहीं कराने का कोई स्पष्ट कारण नहीं है, क्योंकि राज्य में 8 सालों से जेटेट की परीक्षा नहीं हुई है। इस संबंध में झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है।

इसे भी पढ़ेंः साहिबगंज में अवैध खनन की जांच को लेकर याचिका नहीं होगी वापस, विजय हांसदा ने कहा- उसने नहीं की दाखिल

शिक्षक नियुक्ति से वंचित हो जाएंगे लाखों अभ्यर्थी

प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज और कुशल कुमार ने अदालत को बताया कि वर्ष 2016 में सरकार की ओर से जेटेट परीक्षा ली गई थी। उसके बाद राज्य में टेट का परीक्षा नहीं हुई है। जबकि प्रत्येक वर्ष टेट परीक्षा लिए जाने का प्रविधान है।

ऐसा नहीं होने की वजह से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी राज्य में रहे शिक्षक नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे, जिससे उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा। इसलिए केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाले सीटेट परीक्षा में पास अभ्यर्थी को भी जेटेट की तरह मान्यता देते हुए हुए नियुक्ति में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इसे भी पढ़ेंः मैनहर्ट घोटालाः हाई कोर्ट ने कहा- पीई रिपोर्ट में गड़बड़ी की आशंका, एसीबी आगे की कार्रवाई करे

सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि सरकार झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) नियमावली में बदलाव करना चाहती है। इसलिए वर्तमान शिक्षक नियुक्ति में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है।

प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने इसका जोरदार विरोध करते हुए एनसीटीई की गाइडलाइन का हवाला दिया गया। कहा गया कि जब सरकार टेट की परीक्षा नहीं करा पाती है, तो सीटेट अथवा राज्य से टेट की परीक्षा पास अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्ति में शामिल किए जाने का प्रविधान है। इस पर अदालत ने सरकार से उनका पक्ष मांगा है।

इसे भी पढ़ेंः झारखंड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सचिव पद पर नियुक्ति सही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हो नियुक्ति

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker