कुलपति नियुक्तिः हाई कोर्ट ने राजभवन और सरकार से मांगा जवाब
Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत में राज्य के चार विश्वविद्यालयों में कुलपतयों के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने राजभवन को नोटिस जारी किया है। अदालत ने राज्यपाल के ओएसडी और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।
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इस संबंध में डॉ रवींद्र भगत ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि विनोबा भावे, कोल्हान, सिद्धो – कान्हू और नीलांबर पीतांपर यूनिवर्सिटी में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है।
चारों विश्वविद्यालयों ने इसके लिए आवेदन मांगा था। कई लोगों ने आवेदन दिया, लेकिन कुछ लोगों के आवेदन रद्द कर दिए गए। आवेदन रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया।
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नियमों के अनुसार आवेदन रद्द करने का कारण बताया जाना अनिवार्य है। अदालत को बताया गया कि नियुक्त में झारखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में कुलपतियों की नियुक्ति के संबंध में सभी नियमों का उल्लेख किया गया है।
लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों को अनदेखी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर नरेश सिंह भंडारी और प्रोफेसर श्रीजीत पीएस में भी वाइस चांसलर के नियुक्ति से संबंधित सभी नियमों का स्पष्ट उल्लेख किया है।
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कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की जा रही है। प्रार्थी कुलपति पद के लिए आवेदन दिया था और सभी आहर्ता रखता है, लेकिन उसे नहीं बुलाया गया है।