Road Widening: हाईकोर्ट ने वाइल्ड लाइफ बोर्ड का पद खाली होने पर वन सचिव किया तलब
Ranchi: Road widening झारखंड हाईकोर्ट ने कोडरमा-रजौली तक एनएच के चौड़ीकरण मामले में सुनवाई के दौरान इस बात को लेकर कड़ी नाराजगी जताई कि चार माह से वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इस कारण कई मामले रूके हुए हैं।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने स्वतः संज्ञान से दर्ज मामले में डीएफओ की ओर से दाखिल शपथ पत्र को खारिज करते हुए वन एवं पर्यावरण के सचिव को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।
इसे भी पढ़ेंः Death of Elephant: हाईकोर्ट ने कहा- पीटीआर में बाघ नहीं, जंगल में हाथी की मौत तो पैसा जाता कहां
अदालत ने उनसे पूछा है कि चार माह बाद भी रिक्त पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की गई है। इस मामले में 20 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान एनएचएआई की ओर से बताया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए झारखंड सरकार की वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने स्वीकृति नहीं दी है, जबकि पिछली सुनवाई के दौरान सभी तरह की प्रक्रियाओं को पूरा करने की बात कही गई थी।
अदालत ने सरकार से पूछा कि ऐसा क्यों किया गया है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि राज्य सरकार को यहां के वन्य जीवों की चिंता नहीं है। सरकार के अधिकारियों को बिहार सरकार के सीखना चाहिए। कोर्ट के आदेश को बिहार सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इस मामले को मुख्यमंत्री के यहां भेज दिया है। जबकि यहां पर बोर्ड में पद रिक्त है, जिसे अभी तक भरा नहीं गया है।