Uncategorized

Fodder Scam: 139 करोड़ की अवैध निकासी के सबसे बड़े मामले में जल्द आ सकता है फैसला, लालू यादव भी आरोपी

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Ranchi: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में जल्द फैसला आ सकता है। सीबीआई के विशेष जज एसके शशि की अदालत में सीबीआई की ओर से बहस पूरी कर ली गई है। अदालत में अब बचाव पक्ष की ओर से बहस की जाएगी।

इसके लिए नौ अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने कुल 27 निर्धारित तारीखों में बहस पूरी की। इसमें फिजिकल कोर्ट में 12 दिन शामिल है। बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ 35 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े आरसी 47ए/96 मामले में लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा समेत 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं।

170 आरोपियों पर हुआ थी चार्जशीट
प्रारम्भ में 170 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है। पहली चार्जशीट आठ मई 2001 को 102 आरोपियों को एवं सात जून 2003 को पूरक चार्जशीट में 68 आरोपियों के खिलाफ दाखिल किया था। आरोप तय सितंबर 2005 को किया गया था। सीबीआइ ने 11 मार्च 1996 को प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले के सात आरोपी सरकारी गवाह बनाये गये, दो आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पांच आरोपी फरार चल रहा है।

इसे भी पढ़ेंः फैसलाः झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल ने कहा- अस्थायी शिक्षकों को भी मिलेगा मातृत्व अवकाश का लाभ

अवैध राशि की होती थी बंदरबांट
बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अदालत को बताया कि 1990-91 से लेकर 1995-96 की अवधि में आरोपियों ने आपराधिक षडयंत्र रचा और उन्हें फर्जी आवंटन के आधार पर 139 करोड़ 35 लाख रुपए की अवैध निकासी की।संरक्षण के साथ जान बूझकर अवैध निकासी होने दिया गया।

इसी घोटाले की रकम से राजनेताओं को सुविधा मुहैया कराई जाती थी और कुछ हिस्सा राजनेता, नौकरशाहों व पशुपालन के उच्च पदाधिकारियों को उपलब्ध कराई गई थी। ताकि घोटाले को बचाया जा सके। जब तत्कालीन पशुपालन मंत्री रामजीवन सिंह सीबीआइ जांच की मांग की तब लालू प्रसाद ने उन्हें पद से हटा दिया।

यह षडयंत्र विद्यासागर निषाद, भोलाराम तुफानी, चंद्रदेव प्रसाद वर्मा आदि के साथ मिलकर किया गया था। फर्जी आवंटन की राशि का 20 फीसदी आपूर्ति काटकर रख लेता था, शेष राशि बंदरबांट किया जाता था। चारा की आपूर्ति स्कूटर और निजी वाहन से की गयी थी। जांच में यह आया है कि वाहन के फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर पर करोड़ों की चारा आपूर्ति की गयी। जिन-जिन वाहनों से आपूर्ति दिखलाया गया। सब के सब फर्जी निकले।

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker