हाथरस पीड़िता की तस्वीर छापने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार

दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया में हाथरस पीड़िता की तस्वीर प्रकाशित किए जाने को लेकर दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करने से यह कहकर इंकार कर दिया कि अदालत इस पर कानून नहीं बना सकती है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले पर सरकार से निवेदन कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इन मामलों का कानून से कोई लेना देना नहीं है। यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। इसके लिए समुचित कानून हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटनाएं होती हैं। अदालत ने कहा कि हम कानून पर कानून नहीं बना सकते।

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दरअसल, हाथरस में 14 सितंबर को 19 वर्षीय एक दलित लड़की से चार लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान लड़की की मौत हो गई थी। प्रशासन ने लड़की के अभिभावकों की सहमति के बिना ही रात में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था जिसकी काफी आलोचना हुई थी।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को कहा था कि हाथरस मामले में सीबीआई जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा और सीआरपीएफ पीड़िता के परिवार और गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराएगा।

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