कई राज्यों के छात्र पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, यूजीसी के परीक्षा लेने के आदेश पर तत्काल रोक की लगाई गुहार

दिल्ली। कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूजीसी के उस आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है, जिसमें यूजीसी ने स्नातक और परास्नातक कोर्स के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा अनिवार्य रूप से लेने का आदेश दिया है।

याचिका में छात्रों की मांग है कि सीबीएसई की तर्ज पर उनके पिछले पांच सेमेस्टर के प्रदर्शन और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक प्रदान करते हुए उन्हें 31 जुलाई तक डिग्री प्रदान कर देनी चाहिए।

दरअसल, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि कोरोना का असर किसी छात्र की डिग्री पर नहीं पड़े। इसलिए कोशिश की जा रही है कि किसी भी हालत में स्नातक-परास्नातक के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा ली जाए और उसी के आधार पर उनकी डिग्री प्रदान की जाए।

जिसके बाद यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्देश दिया है। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को इसकी छूट प्रदान की है कि वे ऑनलाइन, ऑफलाइन या मिक्स्ड मोड में परीक्षा ले सकते हैं।

यूजीसी के आदेश के खिलाफ 31 छात्रों ने याचिका दाखिल की है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को राजी हो गया है। बताया जा रहा है कि इस पर जल्द सुनवाई हो सकती है। 
इस मामले में पक्ष रखने वाली अधिवक्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय कहना है कि कोरोना संक्रमण के बीच छात्रों का बाहर निकलना सही नहीं है। ऐसे में यूजीसी का उक्त आदेश गलत है।

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