रांची सदर अस्पताल के शुरू होने के मामले में मुख्य सचिव से मांगा जवाब

रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने 500 बेड की क्षमता वाले सदर अस्पताल के शुरु नही होने पर मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने मुख्य सचिव यह बताने को कहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी अस्पताल क्यों नहीं शुरू हो सका है। अदालत कहा कि जब तीन साल पहले ही सरकार को 500 बेड का अस्पताल को शुरू करने का आदेश दिया था, तो अब तक शुरू क्यों नहीं हुआ है। उस दौरान सरकार ने भी अंडरटेकिंग दी थी, लेकिन अभी भी सरकार यह बताने की स्थिति में नहीं है कि 500 बेड का अस्पताल कब तक शुरू हो पाएगा।

अदालत ने मुख्य सचिव पूछा है कि कितनी क्षमता के साथ अस्पताल को शुरू किया गया है। यहां पर किस प्रकार की सुविधा उपलब्ध हैं और 500 बेड की क्षमता वाले अस्पताल को शुरू करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं। सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि सरकार अंडरटेकिंग के दौरान कही बातों को पूरा करती तो कोरोना संक्रमण जैसी महामारी के दौरान इलाज के लिए 300 बेड की अतिरिक्त सुविधा रहती। लेकिन अफसोस इस बात का है कि सरकार सदर अस्पताल के मामले में जानकारी देने के लिए अभी भी समय की मांग कर रही है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि मुख्य सचिव ने इसको लेकर बैठक की है और अस्पताल को सुविधाएं मुहैया करने के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।

इस दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि सरकार ने 200 बेड से अस्पताल तो शुरु किया है, लेकिन यहां आइसीयू की सुविधा अभी तक शुरु नहीं की गयी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिन अस्पतालों में ऑपरेशन होता है वहां आइसीयू की सुविधा होना अनिवार्य है। सरकार ने अभी तक सदर अस्पताल को सुपर स्पेश्यिलिटी के रूप में तैयार भी नहीं किया है। इस कारण सरकार पर अवमानना का मामला चलाया जाना चाहिए। बता दें कि ज्योति शर्मा ने अवमानना याचिका दाखिल की है।

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