आदेश के बाद अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षकों को पेंशन नहीं देने पर अदालत ने लगाया 36.50 लाख का हर्जाना

रांची। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराए जाने के बाद अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षकों को पेंशन का लाभ नहीं देने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। जस्टिस एचसी मिश्र और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने इसके लिए सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी प्रार्थियों को हर्जाने के रूप में 50- 50 हजार रुपये का भुगतान बकाया पेंशन के साथ करें। अदालत ने उक्त आदेश का पालन कर 27 नवंबर तक इसकी जानकारी कोर्ट को देने का निर्देश दिया है। इसको लेकर मंजू शर्मा समेत 73 लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

याचिका में कहा गया था कि सरकार ने 19 दिसंबर 2012 को एक आदेश जारी कर कहा गया कि अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षकों को पेंशन का लाभ दिया जाएगा, लेकिन उक्त तिथि के बाद वालों को ही पेंशन का लाभ दिया जाएगा। इस आदेश को कई शिक्षकों ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि पेंशन का लाभ सभी को मिलना चाहिए। सरकार की उक्त नीति से उन्हें नुकसान हुआ है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने सरकार के आदेश को रद्द कर दिया और सरकार को सभी शिक्षकों को लाभ देने का आदेश दिया था। इसके बाद सरकार ने एकलपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ में अपील याचिका दाखिल की।

खंडपीठ ने सुनवाई के बाद एकलपीठ के आदेश को सही बताते हुए सभी शिक्षकों को पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके बाद सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की याचिका खारिज कर दी और हाईकोर्ट के आदेश को सही बताया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने पेंशन का भुगतान नहीं किया। आदेश का पालन नहीं किए जाने पर प्रार्थियों ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए नाराजगी जताते हुए हर प्रार्थी को 50- 50 हजार अतिरिक्त राशि हर्जाने के तौर पर देने के साथ पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया। 

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