पेंशन मामलाः हाईकोर्ट ने कहा- दो सप्ताह में दें जवाब नहीं, तो लगेगा भारी हर्जाना
Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि यदि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से दो सप्ताह में जवाब दाखिल नहीं किया गया, तो कोर्ट विभाग पर भारी हर्जाना लगाएगी।
अदालत ने इस मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है। इस संबंध में अजोय सिन्हा एवं अन्य ने याचिका दाखिल कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का आग्रह किया है। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों के अधिवक्ता नागमणि तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार ने एक आदेश निकाल कर है कि अब पुरानी पेंशन की जगह झारखंड राजकीय अंशदायी पेंशन लागू की जा रही है।
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इससे विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर भी प्रभावित हुए हैं, जिनकी नियुक्ति वर्ष 2008 में हुई है। कहा गया कि राज्य के विश्वविद्यालय एक्ट द्वारा संचालित होते हैं और किसी एक्जक्यूटिव आर्डर से निर्णय शिक्षकों पर थोपा नहीं जा सकता। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया जा सका है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है।