Murder case: पुलिस की गलती से आठ साल से जेल में बंद नाबालिग का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

Ranchi: Murder case हत्या के एक मामले में पुलिस की गलती की वजह से नाबालिग को करीब आठ साल जेल में रखने के मामले में 30 नवंबर को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। नाबालिग की ओर से जेल में रहने की अवधि को अवैध घोषित करने की मांग की गई है।

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अनूप अग्रवाल ने इस पर सुनवाई के लिए हाई कोर्ट से विशेष आग्रह किया, जिसको स्वीकार करते हुए अदालत ने सुनवाई के लिए 30 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। अधिवक्ता अनूप अग्रवाल ने बताया कि बोकारो का रहने वाला नाबालिग मां की मौत के बाद रांची स्थितअपने चाचा के यहां रहता था।

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वर्ष 2013 में पुलिस ने उसे एक हत्या के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल में रहने के दौरान उसके एक साथी ने कहा कि घटना के समय वह नाबालिग था और उसे इसके लिए दावा करना चाहिए। जब उसका साथी जेल से बाहर निकला तो उसने अधिवक्ता से संपर्क कर नाबालिग होने का दावा कराया।

इस पर अदालत ने वर्ष 2020 में उसे नाबालिग मानते हुए बाल सुधार गृह भेज दिया और मामला जेजे बोर्ड में सुनवाई के लिए भेजा गया। हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि नाबालिग पर जेजे एक्ट-2000 लागू होगा। उस एक्ट के अनुसार अगर नाबालिग पर हत्या का मामला भी साबित होता है, तो उसे अधिकतम तीन साल तक की सजा दी जा सकती है, लेकिन अभी भी उसे बाल सुधार गृह में रखा गया है। याचिका में उसे तत्काल रिहा करने और मुआवजे की मांग की गई है ताकि वह अपना जीवन यापन कर सके।

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