मेडिकल नामांकनः दो जगहों पर आवासीय प्रमाण पत्र देने वाले मामले में हाई कोर्ट में नौ दिसंबर को होगी सुनवाई
रांचीः बिहार में आवासीय प्रमाणपत्र का लाभ लेने वाले 35 विद्यार्थियों को झारखंड में मेडिकल में नामांकन पर रोक लगाने के लिए दाखिल याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने प्रार्थी को झारखंड राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद को याचिका की प्रति देने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई नौ दिसंबर को निर्धारित की गई। इस संबंध में विवेक कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कहा है कि नीट की ओर से मेडिकल में नामांकन को लेकर परीक्षा आयोजित की गयी थी।
नीट एप्लीकेशन नंबर से जांच करने पर पता चला है कि बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 विद्यार्थियों ने झारखंड कोटे में भी नामांकन को लेकर यहां का आवासीय प्रमाण पत्र आवेदन में संलग्न किया है। इनकी काउंसिलिंग भी हो चुकी है।
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नियमानुसार कोई भी स्टूडेंट दो राज्यों में एक साथ आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ नहीं ले सकता है। अगर ऐसे छात्रों का नामांकन झारखंड कोटे में होता है, तो यहां के छात्रों का हक मारा जाएगा। इसलिए दोहरा लाभ लेने वाले विद्यार्थियों के नामांकन पर रोक लगायी जाए।
अदालत को बताया गया कि 17 नवंबर को बिहार के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन को लेकर परीक्षाफल प्रकाशित किया गया था। इसके बाद 19 नवंबर को झारखंड के मेडिकल कॉलेज में नामांकन को लेकर परीक्षाफल प्रकाशित किया गया।
इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई नौ दिसंबर को निर्धारित की है।