high court news

Lawyer Arrest: हाईकोर्ट में बिहार सरकार ने कहा- बिना सूचना के वकील को उठाने वाले मामले में जांच पदाधिकारी निलंबित

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Ranchi: Lawyer Arrest झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजनीश वर्धन को पटना पुलिस द्वारा बिना सूचना के उठाकर ले जाने के मामले में जांच अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत में सुनवाई के दौरान बिहार सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।

इसके बाद अदालत ने झारखंड सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी। इससे पहले सुनवाई के दौरान दानापुर के एएसपी की ओर से अदालत में शपथ पत्र दाखिल किया गया। इसमें कहा गया है कि मामले के जांच अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।

एएसपी ने माना है कि इस मामले में अधिवक्ता को पटना ले जाने से पहले न तो मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और न ही इस मामले में ट्रांजिट रिमांड लिया गया है। यह भी कहा गया है कि अधिवक्ता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने की जिम्मेवारी सुखदेवनगर पुलिस की थी, जिसे उन्होंने सही ढंग से नहीं निभाया है।

इसे भी पढ़ेंः Contempt: महाधिवक्ता राजीव रंजन व अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार के खिलाफ आपराधिक अवमानना मामले में 14 दिसंबर को सुनवाई

इसके बाद अदालत ने झारखंड सरकार से जवाब मांगा है। बता दें कि हाई कोर्ट के एपीपी रजनीश वर्धन को इंद्रपुरी स्थित आवास से पटना पुलिस उठा ले गई थी। इस दौरान उनके स्वजनों की ओर से साथ ले जाने का कारण पूछे जाने पर धमकी दी गई। इसके बाद उनकी पत्नी श्वेता प्रियदर्शनी ने हाई कोर्ट में हैबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दाखिल की है।

नए हाईकोर्ट भवन के बाकी बचे निर्माण का काम शुरु
झारखंड हाईकोर्ट में धुर्वा स्थित नए हाईकोर्ट के निर्माणाधीन बिल्डिंग के बचे कार्य का निर्माण शुरू कर दिया गया है। जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत ने मामले की सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई।

मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि निर्धारित की। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि एल-वन घोषित संवेदक राजवीर कंस्ट्रकशन प्रालि ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। बिल्डिंग का निर्माण तय समय में पूरा कर लिया जाएगा। 108 करोड़ की लागत से लगभग 11 माह के अंदर कार्य को पूरा करना होगा।

बता दें कि अधिवक्ता राजीव कुमार ने वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दाखिल की है। वर्ष 2015 में धुर्वा में हाइकोर्ट बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। निर्माण कार्य दिसंबर 2018 तक पूरा होना था। लेकिन बिना सक्षम प्राधिकार के इसकी लागत बढ़ाकर छह सौ करोड़ से ज्यादा हो गई।

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker