जज उत्तम आनंद हत्याकांडः सीबीआई ने कोर्ट से कहा- ऑटो के टक्कर से ही जज की मौत, षड़यंत्र और मोटिव पर जांच जारी
Ranchi: Judge Uttam Anand Murder Case धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में झारखंड हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। सीबीआई की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि जज उत्तम आनंद की मौत ऑटो के टक्कर से हुई है। चालक बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से टक्कर मारी है। लेकिन हत्या का मोटिव और षडयंत्र के बारे में अभी जांच चल रही है।
इस दौरान अदालत ने कहा कि सीबीआई को जल्द ही इसके पीछे के षड़यंत्र का पता लगाना होगा, नहीं तो देर होने पर काफी दिक्कत होगी। अदालत ने बाइक सवार की पूरी जानकारी मांगी है जो टक्कर के समय जज को देखता है लेकिन चला जाता है। इस मामले के आरोपियों को ट्रेन से जांच के लिए ले जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि इस मामले अगर बड़ी साजिश हुई तो इनको रास्ते से हटाने के लिए हमला हो सकता है।
इसलिए सरकार उन्हें हवाई जहाज से सफर करने की व्यवस्था करे। साथ ही उनकी सुरक्षा कड़ी हो। क्योंकि ट्रेन से सफर करना सुरक्षित नहीं है। ट्रेन में कहीं भी हमला हो सकता है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दिया जाए। राज्य के गृह सचिव और रांची एफएसएल के निदेशक अदालत में ऑनलाइन जुड़ें। अदालत ने निदेशक से पूछा कि लैब में कितने पद रिक्त है। किन किन जांच की सुविधा की जरूरत है। इसकी जानकारी शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को देने का निर्देश दिया है।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से जांच की प्रगति रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल की गयी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईकोर्ट जांच की निगरानी कर रहा है।
इसके अलावा अदालत सीबीआई की जांच की प्रगति रिपोर्ट की हर सप्ताह समीक्षा कर रही है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने एफएसएल के निदेशक और गृह सचिव पूछा था कि एफएसएल में कितने पद रिक्त हैं, कितने पर नियुक्ति हुई है। किन-किन मामलों की जांच की सुविधा है।
रांची एफएसएल में जांच की अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए सरकार की ओर क्या-क्या प्रयास किए गए हैं। दोनों अधिकारियों इस मामले में तैयार होकर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। दरअसल, पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया कि रांची एफएसएल ने बिना जांच के ही रिपोर्ट लौटा दी।
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सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में पकड़ें दोनों आरोपियों का ब्लड और यूरिन सैंपल के जांच के लिए रांची एफएसएल में भेजा गया था, लेकिन उनकी ओर से सैंपल को वापस करते हुए कहा गया कि इसकी जांच की सुविधा उनके पास नहीं है। इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई थी।
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि रांची एफएसएल में इस तरह की जांच की सुविधा नहीं होना शर्मनाक है। इसके बाद अदालत ने गृह सचिव और निदेशक को तलब किया। अदालत ने कहा कि यह सही समय है कि सरकार को अपने सभी तंत्रों को मजबूत करे।
सुनवाई के दौरान सीबीआई के जांच अधिकारी भी अदालत में पेश होंगे। इस दौरान अदालत ने जांच रिपोर्ट पर उनसे कई सवाल पूछेगी। पिछली बार भी अदालत ने सीबीआई को सीसीटीवी फुटेज दिखाकर कहा कि ऑटो चालक के पास बैठे व्यक्ति ने जज पर किसी हथियार से हमला किया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि जज के सिर के दहिने हिस्से में करीब डेढ़ इंच का घाव है, जो किसी हथियार को हो सकता है। अब ऐसे में सीबीआई को इस एंगल की भी जांच करते हुए सबूत एकत्र करने होंगे, ताकि आरोपियों को खिलाफ मजबूत केस बनाया जा सके।