JPSC Exam-2021: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या एक बार अभ्यर्थियों को उम्र में छूट दे सकती है सरकार
New Delhi: JPSC Exam-2021 सुप्रीम कोर्ट में जेपीएससी की ओर से ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा-2021 में उम्र सीमा के निर्धारण के मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने झारखंड सरकार और जेपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस एमआर शाह एवं जस्टिस एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि जब पांच साल बाद परीक्षा हो रही है, तो क्या वह अभ्यर्थियों को उम्र सीमा में एक बार छूट दे सकती है।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 सितंबर होगी। सुप्रीम कोर्ट में झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई हुई, जिसमें सरकार के उम्र सीमा निर्धारण को सही बताया गया है। हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ प्रार्थी रीना कुमारी, अमित कुमार सहित अन्य अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर को होनी है।
सुनवाई के दौरान पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज, कुमारी सुगंधा और शिवम ओझा ने प्रार्थियों का पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि यह सिर्फ उम्र की सीमा निर्धारण का मामला नहीं है, बल्कि सरकार की ओर से बनाई नई नियमावली को पीछे की तिथि से आधिकारिक आदेश से संशोधित करने का मामला भी शामिल है।
राज्य सरकार ने नियमावली बनाने से पूर्व के पदों को भी नए विज्ञापन में शामिल कर लिया है। नए विज्ञापन में उम्र सीमा का निर्धारण नए तरीके से लागू है। सरकार ने एक आधिकारिक आदेश जारी कर नियमों को बदला है। आधिकारिक आदेश से नियमों के प्रविधानों को नहीं बदला जा सकता है। 21 सालों में जेपीएससी ने सिर्फ छह परीक्षाएं ही ले पाया है।
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इसमें से तीन परीक्षाएं विवादित हैं और इनकी जांच सीबीआई कर रही है। जेपीएससी की ओर से सिविल सेवा परीक्षा-2021 की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को काफी उम्मीदें थी जो उम्र की सीमा निर्धारण में छूट नहीं देने की वजह से पूरी नहीं हो रही है। इस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि हम आपकी परेशानी समझ रहे हैं, लेकिन उम्र निर्धारण सरकार का निर्णय है। लेकिन कोर्ट ने सरकार से इस पर जवाब मांगा है।
सरकार के निर्णय को हाई कोर्ट ने कहा है सही
झारखंड हाईकोर्ट में सरकार के उम्र सीमा के निर्धारण को चुनौती दी गई थी। इस दौरान प्रार्थियों की ओर से इस दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज, कुमारी सुगंधा ने अदालत को बताया गया था कि नियमानुसार जेपीएससी को हर साल परीक्षा आयोजित करनी थी। पूर्व में जेपीएससी की ओर से निकाले गए विज्ञापन में उम्र का निर्धारण वर्ष 2011 रखा गया था। लेकिन इसे वापस लेते हुए दोबारा संशोधित विज्ञापन जारी किया गया।
जिसमें उम्र के निर्धारण वर्ष 2016 कर दिया गया। 5 वर्ष उम्र अधिक होने की वजह से हजारों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। जबकि सरकार का कहना था कि पहले जेपीएससी परीक्षा के लिए कोई नियमावली नहीं थी। अब सरकार ने नियमावली बनाई है और उसी के तहत परीक्षा ली जा रही है। नियमावली के अनुसार 2021 से हर साल परीक्षा ली जाएगी। वर्ष 2016 के बाद जेपीएससी की परीक्षा 2021 में ली जा रही है तथा उम्र सीमा का निर्धारण 2016 से किया जा रहा है।