यौन शोषण मामलाः पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी भेजे गए जेल

Ranchi: Sexual abuse case आदिवासी युवती के साथ दुष्कर्म के आरोपों से घिरे झारखंड पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया है। इससे पहले पुलिस उन्हें उत्तर प्रदेश से लेकर रांची पहुंची थी। देर शाम उन्हें एससी-एसटी जज विशाल श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया गया।

इसके बाद अदालत ने उन्हें हिरासत में लेते हुए 14 दिन के लिए जेल में भेज दिया है। मंगलवार को ही रांची पुलिस की एसआईटी टीम ने उत्तर प्रदेश के इटावा जिला स्थित सैफई से लेकर रांची पहुंची थी। इसके बाद सुनील तिवारी को गुप्त स्थान पर ले जाकर अरगोड़ा पुलिस पूछताछ की।

सुनील तिवारी पर 16 अगस्त काे खूंटी की रहने वाली एक युवती ने दुष्कर्म करने का आराेप लगाते हुए अरगाेड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी दर्ज हाेने के बाद से पुलिस लगातार सुनील तिवारी का तलाश कर रही थी लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी।

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सुनील तिवारी पुलिस से बचने के लिए यूपी के इटावा जिला स्थित सैफई से एक हाेटल में छुपे हुए थे। पुलिस की टीम काे जैसे ही सुनील तिवारी के लोकेशन के बारे में जानकारी मिली। वहां पहुंचकर पुलिस ने 12 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था।

पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद अचानक सुनील तिवारी की तबीयत बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें अखिल आयुर्विज्ञान सैफई विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था। सुनील तिवारी ने सीने में दर्द होने और ब्लड प्रेशर बढ़ जाने की शिकायत की थी।

ऐसे में उन्हें डाॅक्टर की देखरेख में अखिल आयुर्विज्ञान सैफई विश्वविद्यालय में रखा गया था। वहां से डॉक्टरों से सलाह लेने के बाद पुलिस की टीम सुनील तिवारी को लेकर रांची पहुंची है। इससे पहले पुलिस ने सुनील तिवारी को सोमवार को इटावा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) दिलीप सचान की अदालत में पेश किया।

वहां से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद रांची पुलिस ने रांची लेकर आई है। उन्हें रविवार रात को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई से लखनऊ स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंटस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइसेंज (एसजीपीजीआइ) के लिए रेफर कर दिया गया था।

सीजेएम ने बहस के बाद सुनील को 16 सितंबर तक रांची के न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है। लेकिन रांची लाने के बाद पुलिस ने उनसे कुछ देर तक पूछताछ की और उसके बाद मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

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