झारखंड हाई कोर्ट ने कहा- अल्पसंख्यक स्कूल के शिक्षकों को नियमित करने के मामले सुप्रीम कोर्ट का आदेश रिकॉर्ड पर लाएं

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत में अल्पसंख्यक स्कूलों के शिक्षकों की स्थायीकरण करने के एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को इस मामले से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सौरभ शेखर ने अदालत को बताया कि इस मामले में एकलपीठ ने अल्पसंख्यक स्कूलों के शिक्षकों को नियुक्त करने का आदेश दिया था। अदालत का कहना था कि जब अल्पसंख्यक स्कूलों में रिक्त पद है, तो शिक्षक इतने दिनों से काम कर रहे हैं, तो इन्हें उस पद पर नियुक्त किया जाए।

लेकिन सरकार एकलपीठ के आदेश के खिलाफ एलपीए दाखिल की है। इस दौरान अदालत यह जानना चाह रही थी कि अल्पसंख्यक स्कूलों पर सरकार का कितना नियंत्रण होता है, क्योंकि जानकारी के अनुसार राज्य सरकार सिर्फ उन्हें राशि उपलब्ध कराती है।

ऐसे में एकलपीठ द्वारा शिक्षकों को नियमित करने का आदेश कहां तक सही है। इस पर अधिवक्ता सौरभ शेखर ने कहा कि इस तरह के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने
आदेश दिया है। इसके बाद अदालत ने उसे रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया।

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता सुभद्रा झा गोड्डा के सेंट फ्रांसिस अल्पसंख्यक स्कूल में वर्ष 1996 से लगातार कार्यरत हैं। वह अपने स्थायीकरण की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किए थे, जिस पर हाई कोर्ट के एकल पीठ ने राज्य सरकार को उन्हें स्थायी करने का आदेश दिया था।

लेकिन राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट के खंडपीठ में चुनौती दी है।

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