पूर्व मंत्री रणधीर सिंह व नवीन जायसवाल के आवास खाली करने के मामले में अब सरकार देगी जवाब

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में पूर्व मंत्री रणधीर सिंह व विधायक नवीन जायसवाल के आवास खाली करने के नोटिस के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में प्रार्थी रणधीर सिंह व नवीन जायसवाल की ओर से बहस पूरी कर ली गई। 15 सितंबर को राज्य सरकार की ओर से जवाब दिया जाएगा। सुनवाई के दौरान प्रार्थी नवीन जायसवाल की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अधिवक्ता चंचल जैन ने अदालत को बताया नवीन जायसवाल के मामले में की गई कार्रवाई वर्ष 2002 से संबंधित नियमावली के प्रावधानों के विरुद्ध है।

आवास खाली करने के लिए सक्षम प्राधिकार की ओर से आदेश नहीं दिया गया है। वहीं, सरकार ने आवास आवंटन में वरीयता का भी ख्याल नहीं रखा और पिक एडं चूज का इस्तेमाल किया गया है। राज्य सरकार आवास आवंटन में भेदभाव कर रही है। ऐसे में आवास खाली करने के सरकार के आदेश को रद कर देना चाहिए। पूर्व मंत्री रणधीर सिंह की ओर से अदालत को बताया गया कि इनके आवास खाली करने के आदेश में वर्ष 2002 के अधिनियम के नियमों की अनदेखी गई है।

जिस आवास को रणधीर सिंह को आवंटित किया गया है, उसमें वर्तमान में किसी ने कब्जा जमाया हुआ है और अतिरिक्त संरचना बना ली है। इस मामले में रणधीर सिंह व नवीन जायसवाल की ओर से बहस पूरी कर ली गई। अब 15 सितंबर को सरकार की ओर से प्रार्थियों की बहस का जवाब दिया जाएगा। गौरतलब है भवन निर्माण विभाग की ओर से रणधीर सिंह व नवीन जायसवाल को आवास खाली करने को नोटिस जारी किया गया है। इनकी ओर से इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

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