high court news

हाईकोर्ट का आदेशः गिरिडीह में महिला व तीन नाबालिग को जलाकर मारने की जांच करेगी सीआइडी

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

रांची। गिरिडीह में एक महिला और तीन नाबालिग बच्चों को जलाकर मारने के मामले की जांच अब सीआईडी करेगी। महिला के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने यह आदेश दिया है। अदालत ने इस मामले में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने इस मामले की जांच करने वाले अधिकारी व सुपरविजन करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इस मामले में महिला के पिता चंद्रिका यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पुलिस पर आरोप लगाया था उनकी बेटी और तीन नाबालिग बच्चों की हत्या के बाद भी आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए केस डायरी की मांग की और एसपी गिरिडीह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई के दौरान एसपी गिरिडीह उपस्थित थे। अदालत ने एसपी से पूछा इस अपराध में अब तक नामजद आरोपियों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है। वे गवाहों को धमकी दे रहे हैं ऐसे में पुलिस क्यों नहीं कार्यवाही कर रही है। एसपी ने अदालत को बताया कि इस मामले के सुपरविजन के दौरान एसडीपीओ ने यह पाया उक्त महिला का किसी अन्य पुरुष के साथ प्रेम संबंध था जिसके कारण पति पत्नी में आपस में झगड़ा हुआ था और उसने आत्महत्या कर ली थी।

इसे भी पढ़ेंः शिक्षक नियुक्ति मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति रद करने के हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

अदालत ने पूछा कि इस बात का उल्लेख मुख्य केस डायरी में क्यों नहीं किया गया है। यह बताया गया कि इस बात का उल्लेख सुपरविजन नोट में किया गया है और पूरक केस डायरी में सुपर विजन नोट के आधार पर इसे अंकित भी किया गया है। अदालत इस पर नाराजगी जाहिर की और इस तरह के अनुसंधानकर्ता और सुपर विजन करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करने की बात कही। इसके बाद अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीजीपी को तलब किया । डीजीपी उपस्थित हुए और अदालत को आश्वस्त किया इसकी जांच सीआईडी से कराई जाएगी।

डीजीपी के आश्वासन के बाद अदालत ने मामले की जांच सीआईडी से कराने का आदेश दिया। अदालत ने यह आदेश भी दिया है कि मौजूदा अनुसंधानकर्ता और सुपरविजन करने वाले पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ इस तरह के गंभीर मामले का अनुसंधान सही तरीके से नहीं करने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले की जांच सीआईडी से की जाएगी इन दोनों पुलिस अधिकारियों को उससे अलग रखा जाएगा। इनके खिलाफ जब तक कार्यवाही पूरी नहीं कर ली जाती तब तक इन्हें किसी भी प्रकार के जांच से अलग रखा जाए । इसके बाद अदालत ने याचिका निष्पादित कर दिया।

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker