पांच अफीम तस्करों को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत
रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने सोमवार को अफीम की तस्करी के आरोपियों की जमानत पर सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने सभी को सशर्त जमानत प्रदान की है। आरोपियों को दस-दस हजार रुपये के दो निजी मुचलके और रिश्तेदार को जमानतदार बनाने की शर्त पर जमानत दी है। जमानत मिलने वालों में चतरा का गोविंद सिंह व अर्जुन यादव और लातेहार का महेंद्र शामिल है। इन सभी की निचली अदालत से जमानत खारिज हो गई थी। इसके बाद इन्होंने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।
गौरतलब है कि अर्जुन यादव के घर से दो किलो अफीम बरामद हुआ था वहीं, महेंद्र गांव वालों को पैसे देकर अफीम की खेती कराता था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी की जेल अवधि को देखते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
इसी अदालत में अफीम तस्करी के आरोप में जेल में बंद संजय नाग एवं पौलुस हास्सा की जमानत पर सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत की सुविधा प्रदान की। अधिवक्ता पवन रंजन खत्री ने बताया कि दोनों को अफीम तस्करी के आरोप में तीन जनवरी 2020 से जेल में है। दोनों के खिलाफ धुर्वा थाना कांड संख्या 2/20 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने के बाद बीते 16 जून को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
वहीं, धनबाद के सहजाद कुरैशी को सौ ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने इसे भी जमानत की सुविधा प्रदान कर दी। इस दौरान सरकार की ओर से अधिवक्ता रवि प्रकाश ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में अपना पक्ष रखा। बता दें कि सभी की निचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी। इसके बाद इन लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई थी।