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जलस्रोतों पर अतिक्रमण मामलाः हाईकोर्ट ने कहा- अतिक्रमणकारी चाहे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हो, उनके खिलाफ भी हो कार्रवाई

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Ranchi: Encroachment On Water Sources झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ा तालाब, डैमों और अन्य जलस्रोतों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्ती नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अतिक्रण हटाने में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। अतिक्रमण करने वाले भले ही शक्तिशाली और प्रभावशाली क्यों न हो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि अतिक्रमण किसी भी स्थान का क्यों न हो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने गुरुवार को कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने रांची नगर निगम को बड़ा तालाब के किनारे लगने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की प्रगति रिपोर्ट अगले सप्ताह पेश करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि बड़ा तालाब के किनारे से अतिक्रमण हटाने का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है। इसके अलावा बड़ा तालाब में अभी भी नालों का दूषित जल गिर रहा है। इससे तालाब का पानी खराब हो रहा है। नगर निगम इसमें सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने की बात कहता है, लेकिन डेढ़ साल बाद भी एसटीपी का काम शुरू नहीं हुआ।

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नगर निगम की ओर से बताया गया कि बड़ा तालाब के किनारे सीबरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट नालियों के पानी को स्वच्छ करेगा। इसके बाद ही पानी तालाब में जाएगा। इसके लिए नगर निगम की ओर से टेंडर जारी कर दिया गया है। इस पर कोर्ट ने नगर निगम को अगले सप्ताह सीबरेज ट्रीटमेंट प्लांट की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

हिनू नदी के किनारे अतिक्रमण पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रण करने के कई प्रकृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहे हैं। इससे इको सिस्टम प्रभावित हो रहा है। कई लोग नदी, डैम और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण कर निर्माण कर चुके हैं। इनमें कई लोग प्रभावशाली भी होतें हैं। कोर्ट की नजर में हर कोई एक समान है और सभी के साथ एक जैसा पेश आना होगा।

बड़ा तालाब एवं रांची के आसपास के जलस्रोतों को संरक्षित करने एवं इसमें हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी है। याचिका में कहा गया है कि बड़ा तालाब, कांके डैम एवं धुर्वा डैम किनारे की जमीन पर अतिक्रमण कर मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। जिसका काफी बुरा असर जलाशयों पर पड़ रहा है। रांची में तालाबों की स्थिति भी बदतर होती जा रही है।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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