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ED का दावा, 8.5 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हाल बनाना चाहते थे हेमंत सोरेन

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में दस दिन की रिमांड पूरी होने के बाद ईडी ने रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में पेश किया। ईडी ने कोर्ट से पूछताछ के लिए और चार दिनों की अनुमति मांगी।

पेशी के दौारन ईडी की ओर से अदालत को बताया कि हेमंत सोरेन रिमांड पर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे अपनी अर्जित संपत्ति से संबंधित तथ्यों को भी छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।

ईडी के रिमांड आवेदन पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीन दिनों तक पूछताछ की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके बाद ईडी हेमंत सोरेन को अपने साथ ले गई।

ईडी ने कोर्ट में दिए रिमांड आवेदन में बताया है कि आर्किटेक्ट विनोद सिंह व हेमंत सोरेन के बीच वाट्सएप चैट से संबंधित 539 पेज निकाला गया था। इसके बाद और 201 नए चैट से संबंधित पन्ने निकाले गए हैं।

वाट्सएप चैट का अध्ययन किया गया है। इसमें विनोद सिंह ने छह अप्रैल 2021 को हेमंत सोरेन को एक प्रस्तावित मैप शेयर किया था जो बैंक्वेट हाल से संबंधित था।

उक्त मैप से यह स्पष्ट हुआ है कि हेमंत सोरेन बरियातू की 8.5 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हाल बनवाना चाहते थे। जितनी जमीन व जिस लोकेशन पर बैंक्वेट हाल का प्लान तैयार था, उतनी जमीन 8.5 एकड़ के अलावा उस इलाके में दूसरी कोई नहीं है।

ईडी ने 10 फरवरी 2024 को उक्त भूखंड का भौतिक सत्यापन कराया। इस मौके पर बड़गाईं के अंचलाधिकारी, अंचल अमीन, आर्किटेक्ट विनोद सिंह, तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद भी मौजूद थे।

हेमंत सोरेन ने मोबाइल भी नहीं दिया

Hemant Soren

ईडी ने रिमांड आवेदन में अदालत को बताया है कि जमीन घोटाले के आरोपी हेमंत सोरेन को रिमांड के दौरान आर्किटेक्ट विनोद सिंह से किए गए वाट्सएप चैट को दिखाया गया।

उक्त चैट में अचल संपत्ति से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान था। आरोपित हेमंत सोरेन ने उक्त अचल संपत्ति को स्वीकारने व हस्ताक्षर से मना कर दिया।

आर्किटेक्ट विनोद सिंह के वाट्सएप चैट में न केवल संपत्तियों के संबंध में गोपनीय सूचनाएं थीं, बल्कि ट्रांसफर पोस्टिंग, सरकारी दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी किया गया था। इसके माध्यम से बड़ी मात्रा में धन की उगाही की गई और उसका लेन-देन किया गया।

पहले समन के बाद ही जमीन के मूल रैयत ने किया दावा

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में आठ अगस्त 2023 को पहला समन किया था। उन्हें 14 अगस्त 2023 को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने ईडी के समन की अवहेलना की और वे ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे।

दो दिन के बाद यानी 16 अगस्त 2023 को बरियातू की उक्त जमीन के मूल रैयत राज कुमार पाहन ने बड़गाईं अंचलाधिकारी के पास आवेदन देकर जमीन पर दावा कर दिया।

उन्होंने अंचलाधिकारी को बताया कि उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा करने की कोशिश की है और जमाबंदी भी करवा ली है।

इसके बाद जमीन वापसी की प्रक्रिया तेज हुई और कागजी कार्रवाई में तेजी लाई गई। 29 जनवरी 2024 को अंतत: एसएआर कोर्ट ने राज कुमार पाहन के पक्ष में फैसला देते हुए जमीन वापसी का आदेश दिया।

इसी 29 जनवरी 2024 को ईडी तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास में छापेमारी कर रही थी।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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