लालू प्रसाद को बंगले में शिफ्ट करने के मामले में हाईकोर्ट सरकार से जवाब असंतुष्ट, फिर से मांगी पूरी जानकारी

रांचीः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत की ओर मांगी गई जानकारी का पूरा ब्योरा सरकार नहीं दे सकी।

सुनवाई के दौरान जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत से सरकार की ओर से समय मांगा गया। इसको देखते हुए अदालत ने इसकी सुनवाई आठ जनवरी की तिथि निर्धारित की है।

हाईकोर्ट ने सरकार से लालू प्रसाद को पेइंग वार्ड से निदेशक बंगले में शिफ्ट करने और फिर वार्ड वापस भेजने पर जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने पूछा है कि यह सब किसके निर्णय से किया गया और सेवादार नियुक्त करने की प्रक्रिया क्या है।

सुनवाई के दौरान जेल अधीक्षक की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा गया जेल के अंदर कैदियों की सारी जिम्मेदारी उनकी है, लेकिन जेल से बाहर होने पर इनकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है।

इसे भी पढ़ेंः एचएन-33ः हाईकोर्ट ने कहा- तेज गति पर अंकुश लगाने के लिए लगाएं स्पीड टेस्टिंग गन

सरकार कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए रिम्स निदेशक व रिम्स अधीक्षक और जिला प्रशासन की सहमति से लालू प्रसाद को निदेशक बंगले में शिफ्ट करने का निर्णय लिया था।

इस पर कोर्ट ने जिला प्रशासन के निर्णय और कैदियों के लिए सरकार की ओर से बनाई गई एसओपी की जानकारी मांगी है। सेवादार के मामले में कहा गया कि जेल में सेवादार देने का प्रावधान है।

कोर्ट ने पूछा कि यदि किसी कैदी का जेल के बाहर इलाज हो रहा है, तो क्या उसे सेवादार मिल सकता है? सेवादार नियुक्त करने की प्रक्रिया क्या है? इस पर भी सरकार की ओर से जवाब देने के लिए समय की मांग की।

कोर्ट ने कहा कि सरकार की ओर से जो भी जवाब दिया गया है है, वह संतोषप्रद नहीं है। इस पर सरकार ने विस्तृत जानकारी देने के लिए समय की मांग की। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने आठ जनवरी को सुनवाई की तिथि निर्धारित की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker