दसवीं के प्राइवेट परीक्षार्थियों की मूल्यांकन वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीएसई से जवाब मांगा
New Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने ने दसवीं कक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों के मूल्यांकन की पद्धति से संबंधित याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के कुछ और समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया। कोविड-19 के कारण इस वर्ष परीक्षाएं रद्द हो गई हैं।
दसवीं के एक प्राइवेट परीक्षार्थी की मां पायल बहल की याचिका पर सुनवाई के के दौरान जस्टिस प्रतीक जालान ने यह आदेश पारित किया। दरसअल सीबीएसई की ओर से पेश वकील ने अदालत से कुछ वक्त देने का अनुरोध किया था।
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अदालत ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त तय की और कहा कि सीबीएसई के अधिवक्ता रूपेश कुमार ने 10वीं कक्षा के प्राइवेट परीक्षार्थियों के मूल्यांकन की पद्धति के बारे में निर्देश लेने के लिए दस दिन का और वक्त मांगा है।
इस याचिका पर सीबीएसई को जून में नोटिस जारी किया गया था और अदालत ने जवाब देने के लिए छह हफ्ते का वक्त दिया था। पायल बहल ने याचिका में कहा कि परीक्षा रद्द करने की घोषणा के बाद छात्रों को ‘‘पास’’ घोषित तो किया गया।
लेकिन सीबीएसई ने प्राइवेट परीक्षार्थियों को अंक देने से संबंधित अपनी नीति के बारे में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। इसमें कहा गया कि सीबीएसई ने दसवीं के नियमित छात्रों के मूल्यांकन के बारे में पहले ही अधिसूचित कर दिया है कि यह आंतरिक आकलन पर आधारित होगा।