Court News: हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में सुविधाओं का अभाव, हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त को लगाई फटकार

Ranchi: Court News झारखंड हाईकोर्ट ने हजारीबाग के कई वार्डों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव हजारीबाग नगर आयुक्त को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि जब नगर निगम के पास फंड नहीं है, तो उसे बंद कर दिया जाए। फंड की कमी की वजह से किसी को गंदगी में रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने कहा कि प्रार्थी ने जिन वार्डों में मुलभूत सुविधा नहीं होने का मुद्दा उठाया गया है, वहां पर नगर आयुक्त जाएं। वहां के हालात का जायजा लेते हुए एक रिपोर्ट अदालत में पेश करें। अगली सुनवाई 21 जनवरी को निर्धारित करते हुए उस दिन नगर आयुक्त को अदालत में हाजिर रहने का निर्देश दिया है।

नगर निगम ने हजारीबाग के सभी वार्डों में सारी सुविधा देने की जानकारी कोर्ट को दी थी। शपथ में यह भी कहा है कि फंड की कमी होने की वजह से नाली, सड़क और कूड़ा उठाने का काम नहीं हो रहा है। अदालत में प्रार्थी की ओर से हजारीबाग के कई वार्ड की फोटो पेश की गई। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अगर हजारीबाग नगर निगम के पास फंड नहीं है तो उसे बंद कर देना चाहिए।

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यह शर्म की बात है। लोगों को मुलभूत सुविधा भी नहीं मिल रही है। ऐसे में क्या लोग गंदगी में रहेंगे? नगर आयुक्त को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसा बहाना नहीं चलेगा। अगर किसी ने शिकायत की है, तो उसका निवारण करना होगा। अदालत को जमीन पर काम होता दिखना चाहिए न कि कागजों में ही काम दिखे। इस संबंध में मिथिलेश दुबे की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।

याचिका में कहा गया कि हजारीबाग के वार्ड नंबर 1, 2, 10, 21, 22, 23, 24, 36 में सड़क, पानी, स्ट्रीट लाइट और कूड़ा उठाने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस मामले में सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र में कहा गया है कि उक्त वार्ड में सारी सुविधाएं दी जा रही हैं। उनकी ओर से इन वार्डों की स्थिति की फोटो कोर्ट में पेश की गई।

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