high court news

सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामलाः हाईकोर्ट ने कहा- सीएम हेमंत सोरेन का बयान दर्ज करें जांच अधिकारी

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी करने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले में जांच अधिकारी को पीड़ित (हेमंत सोरेन) का बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने से जुड़ा है। मामले में आरोपी ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत की गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की है। हालांकि इस दौरान अदालत ने आरोपी को अभी जमानत की सुविधा प्रदान नहीं की है। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई होगी।

पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट की धारा 15 (ए) के तहत पीड़ित को बिना सुने कोर्ट कोई भी आदेश पारित नहीं कर सकती है। इसलिए इस मामले में पीड़ित (सीएम हेमंत सोरेन) को सुना जाना अनिवार्य है। इसलिए हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया जाता है।

इसे भी पढ़ेंः बार एसोसिएशन चुनावः एडहॉक कमेटी मस्त, दावेदार हो रहे पस्त

राज्य सरकार की ओर से मुकदमा जारी रखने की बात कहे जाने पर कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को अपना पक्ष रखने को कहा है। दरअसल, इस मामले में गढ़वा के रहने वाले आरोपी ऋषिकेश कुमार के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

सुनवाई के दौरान ऋषिकेश के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने गलत मंशा से सीएम के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं लिखा था। इस मामले में उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।

कोर्ट ने इस मामले में गढ़वा एसपी को फटकार लगाई और कहा कि वह इस मामले में क्या कर रहे हैं। क्या पुलिस इस मामले में फाइनल फॉर्म देना चाहती है। इस पर अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कोर्ट के बताया कि अगर कोई किसी व्यक्ति को अपमानित करने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखता है, तो वह एससी-एसटी एक्ट में नीहित प्रावधानों के तहत आपराधिक मामला माना जाता है।

उनकी ओर से यह भी बताया गया कि इस मामले में मुकदमा चलाया जाएगा और फिलहाल मामले की जांच चल रही है। दरअसल, चार जून को इसको लेकर गढ़वा में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस पर अदालत ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के तहत पीड़ित को नोटिस जारी किया जाता है।

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker