टेरर फंडिंग मामलाः कोल प्रोजेक्ट में काम करने वाले व्यवसायी नक्सलियों को देते थे आर्थिक मददः एनआईए

रांची। झारखंड हाईकोर्ट में टेरर फंडिंग मामले में आरोपियों की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान एनआईए ने कहा कि प्रार्थियों के खिलाफ आरोप पत्र में लगाए गए सभी आरोप सही है। हालांकि इस दौरान एनआईए की ओर से बहस पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने इस मामले की सुनवाई 24 नवंबर को निर्धारित की है। हालांकि अदालत ने इस मामले में प्रार्थियों की राहत को बरकरार रखा।

सुनवाई के दौरान एनआईए के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि प्रार्थियों पर लगाए गए सभी आरोप सही हैं। ये लोग जानबूझ कर उग्रवादी संगठन टीपीसी को आर्थिक मदद करते थे। जिसका इस्तेमाल वे हथियार खरीदने के लिए करते थे। प्रार्थी टंडवा के आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट में काम करते थे। ऐसे में यह कहना कि वे लोग इस मामले में पीड़ित हैं, क्योंकि उनसे रंगदारी मांगी जाती थी। यह पूरी तरह से गलत है। जबकि ये लोग उग्रवादी संगठन का सहयोग लेते थे।

लगभग तीन घंटे चली बहस के बाद भी एनआईए की ओर से बहस पूरी नहीं की जा सकी। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 24 नवंबर को निर्धारित की है। गौरतलब है कि चतरा जिले के टंडवा स्थित कोल परियोजना में काम के बदले पैसे की वसूली होती थी। इसकी राशि उग्रवादी संगठन टीपीसी को दी जाती थी। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है।

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