Supreme Court News

Sand Mining: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में बालू खनन पर लगी रोक हटाई, कहा- निर्माण कार्यों के लिए जरूरी है रेत

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

New Delhi: Sand Mining सुप्रीम ने बिहार में खनन पर लगी पूर्ण रोक के एनजीटी के आदेश में संशोधन कर दिया है जिससे राज्य में बालू खनन पर लगी रोक कुछ प्रतिबंधों के साथ समाप्त कर दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 हफ्तों के बाद होगी। जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह आदेश बिहार सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान दिया।

अदालत ने कहा कि खनन पर पूर्ण रोक लगने से अवैध खनन को बढ़ावा मिलता है इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है। जब खनन को बैन किया जाता है इससे अवैध खनन में तेजी आती है जिससे रेत माफियाओं में भी टकराव होता है, क्षेत्र का अपराधीकरण होता है और लोगों की जान भी जाती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि निर्माण कार्यों के लिए रेत की बहुत जरूरत है।

एनजीटी ने 14 अक्तूबर 2020 को दिए आदेश में कहा था कि राज्य विशेषज्ञ संस्तुति प्राधिकार और राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन समिति बालू खनन के लिए जिला सर्वे रिपोर्ट को मंजूरी नहीं देती है तब तक खनन नहीं किया जाएगा। इस आदेश को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

इसे भी पढ़ेंः Chardham Project: अगर सेना सीमा तक मिसाइल लॉन्चर नहीं ले जा सकती तो फिर युद्ध कैसे लड़ेगी, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि बिहार में रेत खनन के लिए सभी जिला सर्वे रिपोर्ट (डीएसआर) ताजा रूप में तैयार की जाएंगी। यह रिपोर्ट एसडीएम, सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण कमेटी, वन विभाग, भूगर्भ विभाग या माइनिंग अधिकारी की सबडिविजनल कमेटी द्वारा तैयार की जाएंगी।

ये रिपोर्ट छह हफ्ते में तैयार की जाएंगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद जिला मजिस्ट्रेट संस्तुति के लिए उन्हें राज्य विशेषज्ञ संस्तुति कमेटी (एसईएसी) के पास भेजेंगे। कमेटी उसकी छह हफ्ते में जांच करेगी। उसके बाद उसे राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकार (एसईआईएए) के पास भेजा जाएगा। ये प्राधिकार जिला सर्वे रिपोर्ट को मंजूरी देने के लिए छह हफ्ते लेगा।

अदालत ने कहा कि इन संस्तुतियों को राज्य विशेषज्ञ संस्तुति कमेटी और राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकार आवश्यक रूप से जनवरी 2020 की नीतियों के अनुसार खनन को मंजूरी देगा। अगले आदेश तक बिहार को स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन के जरिये माइनिंग करने की अनुमति होगी। इस दौरान राज्य सरकार पर्यावरण के मुद्दों का ध्यान रखेगी जिससे पर्यावरण का क्षति न हो।

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker