हाईकोर्ट ने कहा- 337 पुराने एंबुलेंस टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनी को सौंपे

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में नि:शुल्क 108 एंबुलेंस के मेंटनेंस व ऑपरेशन के टेंडर की शर्तों को निरस्त करने का आग्रह करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।

सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थी को निर्देश दिया कि वह टेंडर पाने वाली ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को पुराने 337 एंबुलेंस 18 अगस्त से पहले सौंपे।

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अदालत ने मामले में नई कंपनी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को प्रतिवादी बनाया है और उसे जवाब मांगा है। प्रार्थी को भी ईएमआरआई कंपनी द्वारा दाखिल जवाब पर अपना प्रत्युत्तर देने का निर्देश दिया है।

अदालत ने मामले की सुनवाई 17 अगस्त निर्धारित की है। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा था कि टेंडर के लिए ऐसी शर्तें क्यों लगायी गयी।

एंबुलेंस टेंडर की शर्तों के खिलाफ हो रही सुनवाई

नि:शुल्क 108 एंबुलेंस के एक साल के मेंटनेंस व ऑपरेशन के लिए टेंडर कर रहे हैं और पांच साल तक एक्सटेंशन देते रहेंगे। वह भी आपसी सहमति से रेट तय करेंगे।

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इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया था कि 108 एंबुलेंस के वार्षिक मेंटेनेंस व ऑपरेशन का टेंडर शर्तों के साथ निकाली गयी है।

इसमें पांच साल पुराने पहले के 333 एंबुलेंस व नया 208 एंबुलेंस शामिल है। पुराने एंबुलेंस वाहन का पांच साल लाइफ था। नये टेंडर में पुराने एंबुलेंस को भी शामिल कर दिया गया है।

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यह भी लिखा गया है कि पुराने एंबुलेंस को यदि रिपलेस करने की जरूरत होगी, तो पुराने सर्विस प्रोवाइडर को रिपलेस करना होगा। इसमें भ्रष्टाचार की संभावना है।

उन्होंने टेंडर की शर्तों को निरस्त करने का आग्रह किया था। जानकारी हो कि कि प्रार्थी जेड हेल्थ केयर लिमिटेड की ओर से याचिका दायर कर टेंडर की शर्तों को गैरवाजिब बताया गया है।

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