लगान रसीद की वैधता के मामले में राजस्व सचिव को हाई कोर्ट ने किया तलब

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में लगान रसीद को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुवनाई हुई। इस दौरान ऑनलाइन लगान रसीद को वैधानिक दस्तावेज नहीं माने जाने के सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने हैरानी जतायी है। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि किस प्रावधान के तहत लगान रसीद को साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल नहीं करने की बात कही गयी है। इसके बाद अदालत ने भू राजस्व सचिव को तलब करते हुए मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को निर्धारित की है।

सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि पाकुड़ में ग्राम प्रधान को ही लगान रसीद काटने का अधिकार है और एसपीटी एक्ट में उन्हें इसकी अनुमति है। लेकिन राज्य सरकार ने लगान काटने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था कर दी है। इससे ग्राम प्रधानों का अधिकार छीन गया है। ऑनलाइन लगान किस अधिकारी ने जारी किया है। इसका जिक्र भी नहीं होता है। साथ ही रसीद पर लिखा रहता है कि इसे साक्ष्य के रूप में किसी भी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।

राज्य सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार ग्राम प्रधानों के अधिकार नहीं छीन रही है। इस पर अदालत ने कहा कि बिना अधिकारी के हस्ताक्षर के ही रसीद काटना और उसे वैध दस्तावेज नहीं मानना हैरान करने वाला है। इसके बाद अदालत ने राजस्व सचिव को वीसी के जरिए कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया।

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