High Court News: नाबालिक बच्ची को एसिड पिलाने की शिथिल जांच से हाई कोर्ट नाराज, डीजीपी को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश
रांची। हजारीबाग में एक नाबालिग को एसिड पिलाने की पुलिस जांच पर हाईकोर्ट ने नाराजगा जाहिर की है और राज्य के डीजीपी को शपथपत्र दाखिल कर जांच की अद्यतन स्थिति बताने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने कहा कि इस मामले के आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है लेकिन उसकी पॉलिग्राफी टेस्ट पर मंतव्य मांग रही है। इससे प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।
अदालत ने डीजीपी को अगले सप्ताह नया शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।
दिसंबर 2019 में हजारीबाग की एक नाबालिग स्कूली छात्रा को कुछ लोगों ने एसिड पिला दिया था। छात्रा का पटना एम्स और रांची के रिम्स में इलाज चल रहा था। एसिड पिलाने के कारण वह दो माह तक कुछ बोल नहीं पा रही थी।
अखबारों खबर प्रकाशित होने के बाद अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने चीफ जस्टिस का पत्र लिखा था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने इस पर संज्ञान लिया और जनहित याचिका में तब्दील कर दिया।
19 जून को इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। शुक्रवार को पुलिस विभाग की ओर से जे शपथपत्र दाखिल किया गया उसमें कोई ठोस जानकारी नहीं थी। अभियुक्त को फरार बताया गया।
शपथपत्र में कहा गया था कि आरोपी की पॉ़लिग्राफी टेस्ट कराने के लिए मंतव्य लिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है और पॉलिग्राफी टेस्ट की बात कही जा रही है। पुलिस सिर्फ जांच जारी है कि बात कह रही है जो संतोषजनक नहीं है।
अदालत ने अगले सप्ताह डीजीपी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।