झारखंड के आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के समान मिलेंगी सारी सुविधाएं

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह सभी प्रकार की सुविधा दिए जाने के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ओर से अदालत को बताया गया कि आयुष चिकित्सकों को भी एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह सुविधा देने की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है।

कहा गया कि कुछ दिनों में इसे कैबिनेट में भेज जाएगा। इससे राज्य के सभी आयुष चिकित्सकों को फायदा होगा। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 15 जनवरी 2021 को निर्धारित की गई है। इस दौरान राज्य के वित्त सचिव एवं स्वास्थ्य सचिव वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अदालत से जुड़े थे। उनकी ओर से बताया गया कि एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह आयुष चिकित्सकों को भी सारी सुविधाएं दी जाएंगी।

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इस संबंध में डॉ अमरेंद्र पाठक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एलोपैथिक चिकित्सकों के समान सुविधाएं दिए जाने की मांग की थी। उनके अधिवक्ता सौरभ शेखर ने अदालत को बताया कि वर्ष 2011 में एलोपैथिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल कर दी गई है। लेकिन आयुष चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति अभी भी साठ साल ही है।

इतना ही नहीं राज्य सरकार ने आयुष चिकित्सकों को चिकित्सक मानने से भी इंकार कर दिया है। जबकि दोनों इलाज का ही काम करते हैं। ऐसे में समान काम के बदले समान सुविधाएं मिलनी चाहिए। इसके बाद अदालत ने आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह सारी सुविधाएं देने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार ने इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी थी। इस बीच प्रार्थी की ओर से अवमानना याचिका दाखिल कर दी गई थी।

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