पीएम केयर्स फंड को एनडीआरएफ में शामिल करने पर बहस पूरी
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमम (कोविड-19) महामारी के लिए पीएम केयर्स फंड को प्राप्त धनराशि राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) में शामिल करने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई। अदालत इस मामले में बाद अपना फैसला सुनाएगी।
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पीएम केयर्स फंड एक ‘‘स्वैच्छिक कोष’’ है जबकि राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष और राज्य आपदा मोचन कोष के लिए बजट के माध्यम से धनराशि का आवंटन किया जाता है।
इसको लेकर गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि वे किसी की सदाशयता पर संदेह नहीं कर रहे हैं लेकिन पीएम केयर्स फंड का सृजन आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के विपरीत है।
दवे ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा ऑडिट किया जाता है लेकिन सरकार ने बताया है कि पीएम केयर्स फंड का निजी ऑडिटर्स से ऑडिट कराया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा।