high court news

Court News: हाई कोर्ट ने कहा- उकसावे में बिना योजना के गैर इरादतन हत्या को नहीं मान सकते हत्या

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Court News: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस सुभाष चंद की खंडपीठ ने एक फैसले में कहा गया है कि अचानक झगड़े के बाद आवेश में आकर बिना किसी पूर्व योजना के हुई हत्या को हत्या की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इसे गैर इरादतन हत्या नहीं माना जा सकता। इस आदेश के साथ ही जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस सुभाष चंद की अदालत ने आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया।

इस संबंध में श्रीराम शर्मा ने हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की थी। याचिका के माध्यम से उन्होंने देवघर सिविल कोर्ट के 4 जनवरी 2017 के आदेश को चुनौती दी थी। इसमें उन्हें हत्या का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा के साथ दस हजार का जुर्माना भी लगाया गया था।

सुनवाई के बाद जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस सुभाष चंद की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि यदि गैर इरादतन हत्या अचानक झगड़े के बाद जोश में बिना किसी पूर्व योजना के की गयी हो और अपराधी कोई अनुचित लाभ न उठाये या क्रूर तरीके से काम न करे, तो उक्त मृत्यु आईपीसी के सेक्शन 300 के अंतर्गत नहीं आयेगी।

आरोपी का हत्या का इरादा नहीं

अपीलकर्ता का मृतक की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। अचानक झगड़ा हुआ और आवेश में आकर और बिना किसी पूर्व विचार के मृतक के सिर पर हथौड़े से वार किया गया। चश्मदीद गवाह के साक्ष्य और मेडिकल साक्ष्य से भी पता चलता है कि मृतक के सिर पर केवल एक वार किया गया था।

इससे यह भी पता चलता है कि हत्या करने की कोई पूर्व योजना या इरादा नहीं था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता पहले से ही दस साल से अधिक समय से हिरासत में था और सजा काट चुका था, इसलिए उसे हिरासत से तुरंत रिहा किया जाये।

Rate this post

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker