Modi Surname: राहुल गांधी की सजा पर SC की रोक, 10 प्वाइंट में समझें दोनों पक्षों की दलील
Modi Surname Case: मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस शुरू की। सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि उन्हें सजा पर रोक के लिए आज एक असाधारण मामला बनाना होगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच कहा कि वे जानना चाहता है कि राहुल को अधिकतम सजा क्यों दी गई। कोर्ट ने कहा कि अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी अयोग्य नहीं ठहराए जाते।
चेतावनी के बाद भी नहीं माने राहुल गांधी
कोर्ट की टिप्पणी पर महेश जेठमलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले राहुल गांधी को आगाह किया था जब उन्होंने कहा था कि राफेल मामले में शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि उनके आचरण में कोई बदलाव नहीं आया है।
‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई दलीलें दी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम ‘मोदी’ नहीं है और उन्होंने बाद में यह उपनाम अपनाया।
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राहुल ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में सजा पर निलंबन से गुजरात हाई कोर्ट के इनकार को चुनौती दी थी। राहुल गांधी मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी पेश हुए। जेठमलानी ने कहा कि पर्याप्त सबूत हैं।
जेठमलानी ने कहा कि CD2 में (राहुल के) भाषण का प्रमाणिक वर्जन है। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिसने रिकॉर्डिंग की, वह गवाह है। कैमरा थामने वाला फोटोग्राफर भी गवाह है।
जेठमलानी की दलील: उन्होंने (राहुल) क्या कहा था? ‘अच्छा एक छोटा सा सवाल, इन सब चोरों का नाम, मोदी, मोदी, मोदी कैसे है… ललित मोदी, नीरव मोदी… और थोड़ा ढूंढेंगे तो और सारे मोदी निकल आएंगे।’
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राहुल गांधी की मंशा मोदी सरनेम वाले हर व्यक्ति का अपमान करना दी क्योंकि प्रधानमंत्री का भी वही सरनेम है।
जस्टिस गवई ने कहा,
‘कितने राजनेता याद रखते होंगे कि उन्होंने पिछली रैलियों में क्या कहा था। नेता दिन में 10-15 रैलियां करते हैं।’ जेठमलानी ने कहा कि जब आप आरोपी हों तो आपको आरोप पढ़ने पड़ते हैं। वह (राहुल) ट्रायल का सामना कर रहे हैं।
जेठमलानी ने कहा,
दोषसिद्धि पर अयोग्यता ऑटोमेटिक और तत्काल है। अब लिली थॉमस केस में जो छीन लिया गया था, उसे वापस लाने की मांग की जा रही है… दोषसिद्धि पर रोक लगाने के आवेदनों में, एक बहुत स्पष्ट बिंदु होना चाहिए।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बात एक व्यक्ति के अधिकार की नहीं है, एक सांसद की है। ट्रायल कोर्ट के जज ने अधिकतम सजा दी है, उन्हें इसकी वजह भी बतानी पड़ेगी। अपने फैसले में जज ने इसपर कुछ नहीं कहा।
- जेठमलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में भी उन्हें (राहुल) नसीहत दी थी। इसपर जस्टिस गवई ने मुस्कुराते हुए कहा कि अगर यह फैसला पहले आ जाता तो शायद वह ज्यादा सतर्क रहते।
- सुप्रीम कोर्ट के सामने दोषी सांसद की सीट खाली रहने का मुद्दा भी उठा। जेठमलानी ने कहा कि जनता को ऐसे किसी व्यक्ति को चुनने का अधिकार नहीं जो जल्दी में वाक्य बनाता हो, जिसने कानून तोड़ा हो…
- सिंघवी ने 2007 के मामले में SC के फैसले का हवाला दिया, जिसमें गया था कि संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखना जरूरी है।
- ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को 15-15 मिनट का समय दिया।
- जस्टिस गवई ने सिंघवी से कहा कि आपको सजा पर रोक के लिए केस को बेहद मजबूत करना होगा। आमतौर पर सजा बरकरार रहती है। सिंघवी ने कहा कि आज वे सजा पर बहस नहीं कर रहे।
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सिंघवी की पहली दलील:
(शिकायतकर्ता) पूर्णेश मोदी का मूल सरनेम मोदी नहीं है… उन्होंने इसे मोध में बदला। मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने टोका- मोध नहीं, मोदी।
- सिंघवी ने कहा- गांधी ने अपने भाषण में जिनका नाम लिया, किसी ने मुकदमा नहीं किया। दिलचस्प है कि 13 करोड़ के इस ‘छोटे’ समुदाय से मुकदमा केवल बीजेपी के पदाधिकारियों ने किया। बड़ी अजीब बात है!
- सिंघवी ने मानहानि कानून (IPC की धारा 499) का हवाला देकर कहा कि ‘कोई भी आरोप किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है, जब तक कि यह किसी व्यक्ति के नैतिक या बौद्धिक चरित्र को कम नहीं करता है’।
- सिंघवी ने कहा, ‘यह गैर संज्ञेय अपराध है। समाज के खिलाफ नहीं है… न हत्या, न रेप, न किडनैपिंग… 2 साल की अधिकतम सजा… इसमें नैतिक अधमता का अपराध कहां से आ गया?’
- सिंघवी ने कहा, ‘इस व्यक्ति (राहुल) को 8 साल के लिए चुप करा दिया जाएगा? लोकतंत्र में मतभेद होते हैं। हिंदी में हम शालीन भाषा कहते हैं, मुझे नहीं लगता कि ऐसी मंशा रही होगी…’।
- जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज ने आपराधिक प्रवृत्ति की बात कही। इसपर सिंघवी ने कहा कि ‘मैं (राहुल) अपराधी नहीं हूं।’
- सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सीट (वायनाड) पर चुनाव की घोषणा नहीं की गई है। शायद उन्हें पता है कि हार के चांसेज बहुत कम है।
- इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि मामले को राजनीतिक मत बनाइए। आप और मिस्टर जेठमलानी, दोनों इसे राज्यसभा के लिए बचाएं। फिर सिंघवी ने टिप्पणी वापस ले ली।
- सिंघवी ने कहा कि शिकायतकर्ता का कहना है कि उसे न्यूजपेपर कटिंग का वॉट्सऐप मिला। वह यह नहीं बताता कि उसे यह किसने दिया। एविडेंस एक्ट के हिसाब से, असल घटना साबित नहीं हुई।