Money Loundring: अलकतरा घोटाला से प्राप्त राशि का मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी विजय कुमार तिवारी एवं उसकी कंपनी कलावती कंस्ट्रक्शन के खिलाफ ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत 12 साल बाद बधुवार 26 जून को फैसला सुनाएगी।
पूर्व में इस मामले में दोनो पक्षों की ओर से बहस पूरी हो चुकी है। इसके बाद अदालत ने 26 जून को फैसले की तिथि निर्धारित की है। अलकतरा घोटाले से प्राप्त राशि 1.32 करोड़ रुपए का मनी लाउंड्रिंग करने के आरोप में कलावंती कंस्ट्रक्शन के संचालक पर विजय कुमार तिवारी पर ई़डी ने साल 2012 में केस दर्ज किया है। इसमें 55.42 लाख रुपये का फर्जी बिल दिया था। मामले में ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार काका ने पक्ष रखा। उनकी ओर 18 गवाहों को प्रस्तुत किया गया।
यह मामला आरसीडी डाल्टेनगंज से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2007-08 में विनय कुमार तिवारी की कंपनी को पलामू में सड़क मरम्मती का काम मिला था। रोड कंस्ट्रशन डिपार्मेंट ने उन्हें बालूमाथ से हेरहंज पांकी रोड़ के मरम्मति का कार्य 1.32 करोड़ रुपये में दिया था। आरोपी ने काम के बदले अलकतरा का फर्जी बिल विभाग में जमा कर पैसे निकासी कर ली। इनकी ओर से जमा किए 13 में से 11 बिल फर्जी पाए गए थे।
इस मामले में बचाव पक्ष का कहना था कि कंपनी को मिले का गाइडलाइन और नियमानुसार सही किया गया है। इस मामले में गवाहों ने भी कंपनी द्वारा काम सही किए जाने की बात कही है। ऐसे में ईडी की ओर ले लगाया गया आरोप बिल्कुल निराधार है।
बता दें कि सीबीआई ने वर्ष 2010 में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की थी। उसके बाद ईडी ने 13 मार्च 2012 को मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच प्रारंभ की थी। जांच पूरी करते हुए कंपनी के संचालक विनय कुमार तिवारी और पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।