मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना डाडेल के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश निरस्त, HC ने कहा- सुनवाई का नहीं मिला मौका
Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट से राज्य की तत्कालीन उद्योग सचिव वंदना डाडेल को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत ने वंदना डाडेल के खिलाफ सीबीआई जांच और विभागीय कार्रवाई के आदेश को निरस्त कर दिया है।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने वर्ष 2022 में आदित्यपुर औद्योगिक विकास प्राधिकार (आयडा) के एक मामले में तत्कालीन उद्योग सचिव वंदना डाडेल के खिलाफ सीबीआई जांच और विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने का आदेश दिया था।
वंदना डाडेल को नहीं मिला सुनवाई का मौका
खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में वंदना डाडेल को सुनवाई का पूरा मौका नहीं दिया गया। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सिर्फ संदेह के आधार पर सीबीआई जांच का आदेश देना उचित नहीं है। इसलिए एकल पीठ के आदेश को निरस्त किया जाता है।
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अदालत ने इस मामले में आयडा को निर्देश दिया कि वह बेबको मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को फिर से नई नोटिस जारी करेगा। इसके बाद बेबको मोटर्स अपनी बात रखने का भरपूर मौका दिया जाएगा। सुनवाई करने के बाद ही आयडा दोबारा आदेश पारित करेगा।
पूर्व में ही खंडपीठ ने वंदना डाडेल के खिलाफ सीबीआई जांच और विभागीय कार्रवाई के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी। शुक्रवार को अंतिम आदेश पारित करते हुए उनके खिलाफ एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया।
आयडा ने बेबको मोटर्स के शोरूम खोले पर 51 लाख जुर्माना लगाया
वर्ष 2010 में बेबको मोटर्स ने आयडा से इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए जमीन ली थी। बेबको मोटर्स ने उक्त जमीन पर सर्विस सेंटर खोला था। लेकिन बाद में उसी जमीन पर बेबको मोटर्स ने गाड़ियों का शोरूम भी खोल दिया।
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इस पर आयडा की ओर से बेबको मोटर्स को नोटिस जारी करते हुए 51लाख रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया। कहा गया कि कंपनी 14 हजार स्क्वायर फीट में शोरूम चला रहे हैं। यह जमीन का व्यवसायिक उपयोग है। इसलिए आयडा को 51लाख रुपये देना होगा।
बेबको मोटर्स की ओर से कहा गया कि उस जमीन पर शोरूम नहीं खोला गया है। खाली जगह पर जहां कार को तैयार कर रखा जाता है। यहां कार का रिपेयरिंग भी होता है। बेबको का शोरूम बिष्टुपुर में है। इसलिए आयडा की ओर से 51 लाख की मांग करना गलत है।
अदालत को यह भी बताया गया कि आयडा ने उनके पक्ष को नहीं सुना है। बिना सुनवाई के ही नोटिस जारी कर 51 लाख रुपये की मांग की है। यह नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है। इसलिए आयडा के आदेश को निरस्त किया जाए।
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एकल पीठ ने सीबीआई जांच का दिया था आदेश
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बेबको मोटर्स की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान पाया था कि आयडा में नियमों का उल्लंघन कर जमीन आवंटित की गई है। कई संस्थानों के लिए जमीन की व्यावसायिक दर तय की गई है।
एकल पीठ ने आयडा की तत्कालीन अध्यक्ष और तत्कालीन उद्योग विभाग सचिव वंदना डाडेल को ऐसे मामलों में संलिप्त मानते हुए उनके खिलाफ सीबीआई जांच एवं विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ वंदना डडल ने खंडपीठ अपील दाखिल की थी।
वंदना डाडेल के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश देते हुए एकल पीठ ने कहा था कि प्रतीत होता है कि आयडा में अधिकारी अधिकार का दुरूपयोग कर जमीन आवंटन कर रहे हैं। इसमें उनका निजी स्वार्थ भी हो सकता है।
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जिस समय शो रूम के लिए व्यावसायिक दर तय हुआ उस समय डाडेल ही आयडा की चेयरमैन थीं। उद्योग सचिव बनने के बाद भी मामले में उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे प्रतीत होता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह गड़बड़ी की जा रही है।
पूर्व में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वंदना डाडेल की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ सीबीआई जांच और विभागीय कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाई थी।
आयडा ने हाई कोर्ट की एकल पीठ दी थी ये जानकारी
सुनवाई के दौरान जब हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आयडा के बायलाज और अधिकार क्षेत्र के मामले में जानकारी मांगी थी, तो कई तथ्य सामने आए थे। इस दौरान पता चला कि आयडा में फैक्ट्री लगाने के बदले शो रूम खोलने का भी प्रावधान है।
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जब अदालत ने जानना चाहा था कि क्या आयडा खुद इस तरह का प्रावधान कर सकता है। क्या किसी एक्ट में बदलाव के लिए विधायिका की मंजूरी नहीं लेनी है, तो बताया गया था कि आयडा के निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से ऐसा करने का निर्णय लिया था।
यह भी निर्णय लिया गया था कि फैक्ट्री के बदले शोरूम खोलने वालों से व्यावसायिक शुल्क लिया जाएगा, ताकि राजस्व आता रहे। अदालत को बताया गया कि जब यह निर्णय लिया गया तब आयडा की तत्कालीन अध्यक्ष वंदना डाडेल भी बैठक में थीं। अदालत को उस समय बताया गया था कि आयडा की जमीन पर 15 शोरूम चल रहे हैं।