बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवानी ने सीबीआइ कोर्ट से कहा- पूर्व की सरकार के इशारे पर फंसाया गया
लखनऊ। भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले की सुनवायी कर रही सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को अपने बयान दर्ज कराए । भाजपा नेता ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने बयान दर्ज कराए । बृहस्पतिवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने बयान दर्ज कराए थे ।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सीबीआई की विशेष अदालत में पेश आडवाणी ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और उन्हें पूर्व की केंद्र सरकार के इशारे पर फंसाया गया है। कहा कि सीबीआई ने राजनीतिक दबाव में गलत ढंग एवं झूठे साक्ष्य के आधार पर आरोप पत्र दाखिल किया है। राजनीतिक द्वेष के कारण उन पर पूरा मामला झूठा चलाया गया है।
इसके पहले गुरुवार को भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी का बयान विशेष कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दर्ज किया गया। जोशी ने अपने बयान में कहा कि वे निर्दोष हैं। पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है। उन्हें गलत फंसाया गया है। सुबूत के तौर पर अदालत में दाखिल किए गए समाचार पत्रों की खबरों का खंडन करते हुए जोशी ने कहा है कि गलत खबरों को विवेचना में शामिल किया गया है।
साक्ष्य में दाखिल वीडियो कैसेट को भी फर्जी बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे छेड़छाड़ हुई है। राजनीतिक दबाव में गलत ढंग से विवेचना कर झूठे साक्ष्य संकलित किए। जोशी ने कहा है कि वे अपने को निर्दोष साबित करने के लिए समय आने पर साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में इस समय आरोपियों के बयान दर्ज किये जा रहे हैं । सभी 32 आरोपियों के बयान सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज हो रहे हैं । अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ‘कारसेवकों’ ने मस्जिद ढहा दी थी । उनका दावा था कि मस्जिद की जगह पर राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था ।
राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले लोगों में आडवाणी और जोशी भी शामिल थे। भाजपा नेता उमा भारती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह इस मामले में अपने बयान दर्ज करा चुके हैं । विशेष अदालत मामले की रोजाना सुनवायी कर रही है । उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप उसे 31 अगस्त तक मामले की सुनवायी पूरी कर लेनी है ।