चारा घोटालाः 125 आरोपियों की भाग्य का फैसला 28 अगस्त को, बहस पूरी
Ranchi: चारा घोटाला के 27 साल पुराने अंतिम एवं आरोपियों की संख्या में सबसे बड़े (आरसी 48ए/96) मामले में 125 आरोपियों के किस्मत का फैसला 28 अगस्त को होगा।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने मामले में अंतिम बहस पूरी होने के बाद फैसले की तिथि निर्धारित की। फैसले के दिन मुकदमे का सामना कर रहे सभी आरोपियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है।
चारा घोटाला में 125 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रवि शंकर ने बताया कि डोरंडा कोषागार से 36.58 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में 45 आरोपी पशुपालन अधिकारी हैं।
इसमें नौ महिला आरोपी भी ट्रायल फेस कर रही हैं। यह अवैध निकासी साल 1990 से 1995 की अवधि में फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गई थी।
मामले में तत्कालीन आपूर्तिकर्ता सह पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी, डॉ. केएम प्रसाद, मो. सईद का परिवार,डॉ. राधा रमन सहाय सहित 125 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
कोविड महामारी के प्रकोप के कारण करीब डेढ़ साल तक सुनवाई पूरी तरह से प्रभावित रही। मामले में सीबीआई की ओर से 594 गवाहों को प्रस्तुत किया गया है।
एक करोड़ की लूट में छह दोषी करार
जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के ओबरिया रोड से 12 अप्रैल 2021 को हुए एक करोड़ रुपये लूटकांड मामले अनमोल सिंघानिया समेत छह अभियुक्तों को अदालत ने दोषी करार दिया है।
अपर न्यायायुक्त दिनेश कुमार की अदालत ने डकैती एवं डकैती के बरामद पैसे के आरोप में अनमोल के साथ वसीम अहमद, नजमी हसन, मनोज कुमार भगत, जसीम अहमद एवं जुल्फेकार उर्फ राजा खान को दोषी पाया है।
सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तिथि निर्धारित की है। घटना के बाद महुआ कारोबारी शुभम अग्रवाल ने जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी (कांड संख्या 143-21) दर्ज की थी।
लूट की घटना की साजिश कारोबारी शुभम अग्रवाल के दोस्त अनमोल सिंघानिया ने ही रची थी। लूट की घटना के बाद पुलिस ने अभियुक्तों के ठिकाने से लगभग 90 लाख रुपये बरामद किया था।
अनमोल, नजमी व जसीम के पास से लूट की 73,59,750 रुपये पुलिस ने बरामद किया था। जबकि राजा खान से 12,24,600 रुपये बरामद हुआ था।
तीन अभियुक्त को पुलिस ने घटना के पांचवें दिन गिरफ्तार की थी। जबकि एक अभियुक्त राजा खान फरार हो गया था। पुलिस ने उसे 11 अक्तूबर 2021 को गिरफ्तार की थी। मामले में सुनवाई के दौरान एपीपी परमानंद यादव ने अदालत के समक्ष ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किया था।