दिल्ली दंगे के आरोपी दीपक तोमर को अदालत से मिली जमानत

नयी दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में एक आरोपी की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि कथित प्रत्यक्षदर्शी एवं कांस्टेबल ने घटना के करीब दो महीने बाद आरोपी की पहचान की थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 25 फरवरी को ज्योति नगर इलाके में दंगों के दौरान एक दुकान में कथित रूप से लूटपाट और तोड़-फोड़ करने के एक मामले में दीपक तोमर को 25,000 रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि का मुचलका जमा करने पर जमानत दे दी।

अदालत ने कहा कि आरोप पत्र के अनुसार, सीआरपीसी की धारा 161 के तहत (पुलिस द्वारा पूछताछ में) सरकारी गवाह मोहम्मद रफीक के बयान में कहा गया है कि वह 25 फरवरी, 2020 को इमरान की सम्पत्ति समेत अन्य लोगों की सम्पत्तियों में तोड़-फोड़, आगजनी और दंगों के मामले में प्रत्यक्षदर्शी था और इसमें प्रार्थी/आरोपी दीपक तोमर समेत लोगों को नामित किया गया था। हालांकि बयान 22 अप्रैल, 2020 में दर्ज किया गया और आरोपी को उस समय गिरफ्तार नहीं किया गया।

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अदालत ने 18 दिसंबर को पारित अपने आदेश में कहा कि कांस्टेबल विजेंद्र ने प्रार्थी की पहचान की थी, लेकिन उसका बयान 22 अप्रैल, 2020 को दर्ज किया गया, जबकि यह घटना 25 फरवरी 2020 की है।

अदालत ने तोमर की जमानत मंजूर करते हुए उसे निर्देश दिया कि वह उसकी अनुमति के बिना दिल्ली से बाहर न जाए या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करें।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प के बाद साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 लोग घायल हो गए थे।

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