रांची। रांची की सीबीआई की विशेष अदालत में स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना, सिकिदिरी के रखरखाव एवं मरम्मत में 20.87 करोड़ रुपये के हुए घोटाला मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल किया। इस पर सीबीआई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सभी नौ आरोपियों को समन जारी किया है। इस घोटाले में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), भोपाल के तीन वरीय पदाधिकारी एवं झारखंड राज्य बिजली बोर्ड (जेएसईबी) के तत्कालीन अध्यक्ष शिवेन्द्र नाथ वर्मा समेत नौ लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई है। चार्जशीट संज्ञान लेते हुए अदालत ने सभी को समन जारी किया गया है। इस मामले में सीबीआइ ने दो जून 2016 को प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी।
सीबीआइ ने जेएसईबी के तत्कालीन अध्यक्ष शिवेन्द्र नाथ वर्मा, जेएसईबी के तत्कालीन वित्तीय सदस्य आलोक शरण, भेल भोपाल के सीनियर डीजीएम सुनीति कुमार मजूमदार, भेल पीडीएक्स, भोपाल के एजीएम आरके आर्या, भेल भोपाल के गुरुकृत सिंह सचदेवा, मेसर्स नॉर्थन पावर इरेक्टॉर्स लि. नई दिल्ली के संचालक नवनीत सागर मित्तल व उसकी कंपनी, मेसर्स फाइब्रेटेक मेरठ यूपी के संचालक आशुतोष मित्तल व उसकी कम्पनी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।
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गौरतलब है कि स्वर्ण रेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के रखरखाव एवं मरम्मत के लिए वर्ष 2011-12 में टेंडर निकाला गया। टेंडर में न्यूनतम 59.75 लाख रुपये एवं अधिकतम 20.87 करोड़ रुपये का कंपनियों की ओर से आवेदन आया। आरोप है कि जेएसईबी के तत्कालीन अध्यक्ष एवं भेल के तीनों वरीय पदाधिकारियों ने आपराधिक साजिश एवं पद का दुरुपयोग करते हुए टेंडर में सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी को काम दे दिया, जबकि इस परियोजना के रखरखाव एवं मरम्मत में अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये ही खर्च किया जाना था।