रांचीः हत्याकांड में चार माह में आया फैसला, पूरी गवाही होने के बावजूद अभियोजन केस को नहीं कर सका साबित
सूचक, जांच अधिकारी, चिकित्सक समेत 6 की हुई गवाही
रांचीः हत्याकांड से जुड़े एक मामले में चार महीने में फैसला आया है। मामले की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत पूरी करते हुए रांची के अपर न्यायायुक्त पंचम की अदालत ने ट्रायल फेस कर रहा आरोपी जैतून लकड़ा को ठोस सबूत के अभाव में बरी कर दिया है। वह जेल में रहते हुए ट्रायल फेस कर रहा था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुशल अग्रवाल ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष के सभी 6 गवाहों की गवाही अदालत ने दर्ज की थी। इसमें सूचक विजय बैठा, जांच अधिकारी अनुभव सिंह, डाक्टर शामिल हैं। लेकिन हत्या किसने की इसको अदालत में साबित नहीं किया जा सका।
आरोपी के बरी होने के बाद मामले के जांच अधिकारी के अनुसंधान पर सवाल उठ रहा है। अदालत में गवाही के दौरान जब बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने गवाह का जिरह किया गया तो हत्याकांड का कोई चश्मदीद नहीं मिला। शक के आधार पर जैतून लकड़ा को आरोपी बना दिया। जिसका लाभ आरोपी को मिला। मामले में आरोपी के खिलाफ 18 अप्रैल 2024 का आरोप तय किया गया था।
घटना नवंबर 2023 कीः
लापुंग थाना अंतर्गत चापाटोली निवासी गणेश बैठा की लाश वहीं के एक कुआं में 25 नवंबर 2023 को मिली थी। मृतक अपने घर से 21 नवंबर को यह कह कर निकला था कि जैतून लकड़ा के यहां काम करने जा रहे हैं। लेकिन वह चार दिनों तक वापस नहीं आया। पांचवें दिन उसकी लाश मिली। मामले को लेकर मृतक के बेटे विजय बैठा ने लापुंग थाना में जैतून लकड़ा के खिलाफ प्राथमिकी(कांड संख्या 43/23) दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोप लगाया गया था कि काम के बाद पैसे नहीं देने पर विवाद हुआ और पिताजी को मारकर कुंआ में फेंक दिया था। लेकिन अदालत में साबित नहीं किया जा सका।