High Court: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की 28 जनवरी को हुई सीजीएल परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में परीक्षा लेने वाली एजेंसी को काली सूची में डालने के आदेश को सही बताते हुए एजेंसी की याचिका खारिज कर दी है। गुरुवार को अदालत ने एजेंसी को डिबार करने के जेएसएससी के आदेश को सही बताया। इस संबंध में परीक्षा लेने वाली एजेंसी सैटेवेट इंफोसोल ने याचिका दायर की थी। याचिका में जेएसएससी के 24 अप्रैल 2024 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें आयोग ने परीक्षा लीक मामले में कंपनी को डिबार करते हुए तीन साल के लिए काली सूची में डाला था।
एजेंसी की ओर से अदालत को बताया गया कि काली सूची में डालने के पूर्व एजेंसी का पक्ष नहीं सुना गया। आयोग के किसी भी नियम में यह नहीं लिखा गया है कि कितने साल के लिए किसी एजेंसी को डिबार किया जा सकता है। झारखंड राज्य कर्मचारी आयोग की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने अदालत को बताया 28 जनवरी को परीक्षा थी। परीक्षा के एक घंटे पहले प्रश्न पत्र लीक हो गया था। इसके बाद आयोग ने नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी और एजेंसी को शो कॉज किया। एजेंसी के स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं था इसके बाद कंपनी को डिबार किया गया, क्योंकि यह परीक्षा का मामला था। अदालत को बताया गया कि एजेंसी चयन के लिए जब आयोग ने एनआईटी जारी किया था तो उसमें स्पष्ट था कि गड़बड़ी किए जाने पर तीन साल तक डिबार किया जाएगा। इसके बाद अदालत ने एजेंसी की याचिका खारिज कर दी।