रांची। हजारीबाग के बड़कागांव स्थित एनटीपीसी के कोयला ढुलाई से होने वाले प्रदूषण की जांच को लेकर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
प्राधिकरण ने इसके लिए राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को निर्देश दिया है कि वो कमेटी का गठन करें और मामले की जांच कर उसकी रिपोर्ट प्राधिकरण को भेजें। इस कमेटी में प्रार्थी को
शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
इसको लेकर त्रिपुरारी सिंह नाम के एक व्यक्ति ने एनजीटी में याचिका दाखिल कर कहा है कि एनटीपीसी व उनकी सहयोगी कंपनियों द्वारा कोयला ढुलाई किए जाने से कृषि योग्य भूमि
और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। इसी मामले में सुनवाई करते हुए प्राधिकरण ने उक्त निर्देश दिया है।
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शुक्रवार को वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रार्थी का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता सत्यप्रकाश ने प्राधिकरण को बताया कि एनटीपीसी पकरी-बरवाडीह से कोयला का खनन कर कटकमदाग रेलवे
साइडिंग डंप करता है, इससे प्रदूषण हो रहा है। उनकी ओर से कहा गया कि उक्त जमीन शिवपुरी-टोरी लाइन के लिए अधिग्रहित किया था।
लेकिन रेलवे ने इस जमीन को एनटीपीसी को दे दिया है, जो उचित नहीं है। कहा कि खनन के बाद डंपर से कोयले की ढुलाई गांवों के बीच से की जाती है। इस वजह से कई एकड़ कृषि
योग्य भूमि खेती लायक नहीं बची है।
एनजीटी ने झारखंड सरकार, वन एवं पर्यावरण विभाग, एनटीपीसी, त्रिवेणी सैनिक माइनिंग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व हजारीबाग उपायुक्त प्रतिवादी बनाया है।