सेना के कब्जे वाली जमीन फर्जीवाड़े में छवि रंजन, अमित, दिलीप समेत 10 के खिलाफ आरोप तय
कोर्ट का निर्देश ः 22 जुलाई से ईडी करेगा साक्ष्य प्रस्तुत
सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन घोटाला कर उससे प्राप्त अवैध रकम का मनी लाउंड्रिंग करने के मामले में आरोपी निलंबित आईएएस अधिकारी सह रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, कोलकाता कारोबारी अमित अग्रवाल सहित दस आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिया गया है। मामले में नौ आरोपी जेल में है और एक आरोपी जगतबंधु टी इस्टेट के निदेशक दिलीप घोष जमानत पर है। सोमवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की अदालत में आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई प्रारंभ हुई। सुनवाई के दौरान छवि रंजन के वकील ने और समय की मांग की। लेकिन अदालत ने समय देने से इनकार किया।
छवि रंजन के वकील आरोप गठन पर बहस की। कहा कि मेरे मुवक्किल मामले में निर्दोष हैं। जिसका विरोध ईडी के विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार काका ने किया। इसके बाद अदालत ने आरोपियों पर आरोप गठित किया। साथ ही मामले में ईडी को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 22 जुलाई की तारीख निर्धारित की है। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में बंद आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया था। जबकि दिलीप घोष व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद था। इस मामले में प्रदीप बागची समेत छह आरोपी 14 अप्रैल 2023 को एवं छवि रंजन चार मई 2023 से जेल में हैं।
इन आरोपियों पर आरोप तय :
मामले में छवि रंजन, कोलकाता कारोबारी अमित अग्रवाल, बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, जमीन का फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन दलाल बरियातू के मिल्लत कालोनी निवासी रिम्स का कर्मी अफसर अली उर्फ डोरंडा के मनी टोला का निवासी इम्तियाज अहमद, बड़ागाईं निवासी मो. सद्दाम हुसैन, तल्हा खान, फैयाज अहमद (सभी जेल में) एवं दिलीप घोष के साथ दो कंपनी भी शामिल है। दालत की अनुमति से रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता और रांची के भू-राजस्व विभाग के मूल रिकॉर्ड की गुजरात के गांधी नगर स्थित फॉरेंसिक साइंस निदेशालय से जांच कराई। इन दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच में फर्जीवाड़ा साबित हुआ।