सरकारी जमीन के लूट के खेल में शामिल हैं सीओ और उपनिबंधक, हाईकोर्ट से जांच की मांग

रांचीः राज्य में सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और जमीन माफिया गंठजोड़ से सरकारी जमीन की खरीद- बिक्री के मामले की जांच के लिए झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दखिल की गयी है।

शिवशंकर प्रसाद ने यह याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि राज्य में बड़े पैमाने पर गैरमजरूआ, सरकारी और आदिवासी जमीन की बिक्री की गयी है।

इसमें जिलों के उप निबंधक, अंचलाधिकारियों और जमीन माफिया की मिलीभगत रहती है। जमीन के दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर जमीन की बिक्री की जा रही है।

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राज्य में प्राय- सभी जिलों में इस तरह का खेल चल रहा है। दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर जमीन की बिक्री किए जाने के मामले की एसीबी से जांच की जानी चाहिए।

अंचलाधिकारियों और जिलों के सब रजिस्ट्रार की संपत्ति की आयकर विभाग से जांच कराने का भी आग्रह अदालत से किया गया है।

प्रार्थी का कहना है कि सरकारी जमीन की बिक्री का एक पूरा गिरोह काम कर रहा है। पहले दस्तावेजों से छेड़छाड़ की जाती है। इसके बाद उसकी रजिस्ट्री करायी जाती है।

रजिस्ट्री कार्यालय और अंचल कार्यालय की मिलीभगत रहने के कारण सरकारी जमीन का म्यूटेशन भी कर दिया जाता है। जबकि आम लोगों को अपनी जमीन क म्यूटेशन कराने के लिए अंचलाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। अदालत से पूरे मामले की जांच कराने का आग्रह किया गया है।

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