झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने रिंकी यादव एवं अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए रतन हाईट्स के बिल्डर वीकेएस रियलिटी के संचालक विजय कुमार साहू के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने इसका पालन कराने का निर्देश अरगोड़ा थाना प्रभारी को दिया है।
कोर्ट ने इस मामले में बिल्डर विजय कुमार साहू को नोटिस जारी किया था। लेकिन उनकी ओर से न तो कोर्ट में उपस्थति दर्ज कराई गई और न ही कोर्ट के नोटिस का कोई जवाब दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 50 हजार रुपये के पर्सनल बॉन्ड पर विजय कुमार साहू को अरगोड़ा थाना इंचार्ज रिलीज करेंगे। कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 जनवरी को विजय कुमार साहू को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने प्रार्थी को आईए दाखिल कर रतन हाइट्स के खाली जगह के गड्ढे को भरने के संबंध में वर्तमान स्थिति बताने को कहा है।
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश के आलोक में मोरहाबादी स्थित रतन हाइट्स के जमीन मालिक अशोक कुमार वालमजी परमार, जय परमार एवं जीत परमार कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए थे। पूर्व में कोर्ट ने इन्हें अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया था।
इस संबंध में रिकी यादव की ओर से हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने रतन हाइट्स के जमीन मालिक और बिल्डर को अवमानना नोटिस जारी कर उनसे पूछा था कि हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर क्यों नहीं उन पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।
रतन हाईट्स के पास खाली पड़ी 40 डिसमिल जमीन को लेकर विवाद था। जमीन मालिक ने उसपर नया निर्माण करने के लिए बीकेएस बिल्डर के साथ समझौता किया था। इस दौरान उसकी ओर से रतन हाईट्स के पास में गड्ढ़ा खोद दिया गया। जिससे बहुमंजिला इमारत में दरारें आ गई।
इसको लेकर रतन हाईट्स सोसाइटी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि रतन हाईट्स के पास स्थित 40 डिसमिल जमीन को कामन एरिया बताया गया था। लेकिन अब वहां निर्माण कराया जा रहा है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्माण को बंद करते हुए गड्ढों को भरने का निर्देश दिया था। लेकिन कोर्ट के आदेश पालन नहीं हुआ।