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हाई कोर्ट ने कहा- रिम्स अपने संसाधनों से करेगा मरीजों का इलाज, आउट सोर्स की जरूरत नहीं

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Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि रिम्स को अपने संसाधनों पर निर्भर करने की कवायद कोर्ट कर रही है, ताकि उसे किसी भी चीज के लिए आउट सोर्सिंग नहीं करना पड़े। इसलिए रिम्स में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिया था। रिम्स की ओर से बताया गया कि कोर्ट के आदेश पर रिम्स परिसर में पीएम जन औषधि केंद्र चालू कर दिया गया है।

चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि उनकी मंशा है कि रिम्स में सभी उपकरण और दवा की दुकाने अपनी हों, ताकि गरीबों को उचित मूल्य पर चिकित्सा का लाभ मिल पाए। इसके लिए रिम्स को किसी भी कंपनी से आउट सोर्स करने की जरूरत नहीं पड़े। अदालत ने उक्त बातें कि दवाई दोस्त की ओर से दाखिल हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई के दौरान कही।

दवाई दोस्त की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि कोर्ट के आदेश पर ही उन्हें रिम्स परिसर से हटाया गया है। जबकि वह एक चैरिटी संस्था है, जो बिना किसी लाभ-नुकसान के ही लोगों को न्यूनतम मूल्य पर जेनेरिक दवा उपलब्ध कराती है। रिम्स में सरकारी जेनेरिक दवा की दुकान है, लेकिन उसकी हालत बहुत ही खराब है और हमेशा बंद रहती है।

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इस पर अदालत ने कहा कि आपकी याचिका में कहा गया है कि उन्हें रिम्स स्थित दवाई दोस्त की दुकान से घाटा हो रहा है। ऐसे में कोर्ट आपको घाटा नहीं होने देगी। इसलिए आपको रिम्स परिसर से बाहर जाना होगा। हालांकि इस दौरान अदालत ने कहा कि इस मामले में रिम्स प्रबंधन को बिना कोर्ट के आदेश से प्रभावित हुए ही निर्णय लेना होगा। रिम्स की ओर से कहा गया कि जेनेरिक दवा दुकान खोल दी गई है।

रिम्स के अधिवक्ता ने कहा कि वर्ष 2015 में दवाई दोस्त को रिम्स परिसर में एक साल के लिए जेनेरिक दवा बेचने के लिए जगह दी गई थी। लेकिन अवधि समाप्त होने के बाद भी इन्होंने अवधि विस्तार के लिए कोई आवेदन नहीं दिया और न ही शर्त के मुताबिक अपनी ऑडिट रिपोर्ट भी रिम्स प्रबंधन के यहां जमा कराई। इसको देखते हुए रिम्स निदेशक ने दवाई दोस्त की दुकान को हटाने का आदेश दिया है।

इस दौरान अदालत ने पूछा कि क्या रिम्स में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई है। इस पर उनकी ओर से कहा गया कि अभी मशीन नहीं पहुंची है। लेकिन उसके लगाने वाले फाउंडेशन का निर्माण कर दिया गया है। अदालत ने कहा कि जल्द से जल्दा सीटी स्कैन मशीन लगाई जाए।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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