राहतः सरकार ने माना- आम्रपाली कोल परियोजना के विस्थापितों को मिले मुआवजा
Ranchi: Amrapali Coal Project in Chatra झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में चतरा के आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट के तहत विस्थापित हुए परिवारों की ओर से मुआवजा की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया और कहा गया कि वहां से विस्थापित हुए लोगों को मुआवजा, पुनर्वास और नौकरी मिलनी चाहिए। इस पर सीसीएल की ओर से कहा गया कि इस मामले में राज्य सरकार की ओर से दाखिल जवाब उन्हें नहीं मिला है।
इसके बाद अदालत ने सरकार को सीसीएल को अपना जवाब की प्रति सौंपने का निर्देश दिया है।अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई आठ जुलाई को निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज और चंचल जैन ने अदालत को बताया कि वर्ष 1993-94 में जमीन अधिग्रहण हुआ था।
इसके बाद सीसीएल ने उस क्षेत्र में मगध एवं आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट के तहत कोयला खनन का काम शुरू कर दिया। लेकिन सीसीएल की ओर से न तो विस्थापितों का पुनर्वास किया गया और न ही उन्हें उनकी जमीन का मुआवजा मिला।
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जबकि राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि गैर मजरूआ जमीन पर तीस सालों से रहने वाले लोगों को भी मुआवजा मिलेगा। सीसीएल ने अपनी अन्य खदानों के लिए ली गई जमीन के बदले ऐसे लोगों को पहले मुआवजा दे चुकी है।
लेकिन इस क्षेत्र में मुआवजा नहीं दे रही है। इस दौरान सीसीएल की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार का जवाब उन्हें नहीं मिला है। इस पर अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वे अपने जवाब की प्रति सीसीएल को भेज दें।